hindi kavita

क्या बताएँ आपसे हम हाथ मलते रह गए - हुल्लड़ मुरादाबादी

क्या बताएँ आपसे हम हाथ मलते रह गए – हुल्लड़ मुरादाबादी (Hullad Moradabadi)

Amit Kumar Sachin

क्या बताएँ आपसे हम हाथ मलते रह गए – हुल्लड़ मुरादाबादी हास्य कवि के रूप में प्रसिद्ध हुल्लड़ मुरादाबादी का ...

कलम या की तलवार - रामधारी सिंह दिनकर

कलम या कि तलवार – रामधारी सिंह दिनकर

Amit Kumar Sachin

कलम या कि तलवार कुछ ऐसी कविताये होती है जो हमें आंदोलित कर देती है और उसकी गूंज कई सालो ...

अन्तिम ऊँचाई – कुँवर नारायण (Kunwar Narayan)

Amit Kumar Sachin

अन्तिम ऊँचाई (कविता) कुँवर नारायण (Kunwar Narayan) कितना स्पष्ट होता आगे बढ़ते जाने का मतलब अगर दसों दिशाएँ हमारे सामने ...

आँसू जब सम्मानित होंगे, मुझको याद किया जाएगा

आँसू जब सम्मानित होंगे, मुझको याद किया जाएगा – गोपालदास “नीरज”(Gopaldas Neeraj)

Amit Kumar Sachin

आँसू जब सम्मानित होंगे, मुझको याद किया जाएगा (कविता) – गोपालदास “नीरज”(Gopaldas Neeraj) आँसू जब सम्मानित होंगे, मुझको याद किया ...

जिन मुश्किलों में मुस्कुराना हो मना

जिन मुश्किलों में मुस्कुराना हो मना, उन मुश्किलों में मुस्कुराना धर्म है: गोपालदास “नीरज”

Amit Kumar Sachin

जिन मुश्किलों में मुस्कुराना हो मना, उन मुश्किलों में मुस्कुराना धर्म है – गोपालदास “नीरज”(Gopaldas Neeraj) जिन मुश्किलों में मुस्कुराना ...

रोने वाला ही गाता है !

रोने वाला ही गाता है – गोपालदास “नीरज” (Gopaldas Neeraj)

Amit Kumar Sachin

रोने वाला ही गाता है (कविता) – गोपालदास “नीरज”(Gopaldas Neeraj) रोने वाला ही गाता है ! मधु-विष हैं दोनों जीवन ...

Shiv mangal Singh Suman

चलना हमारा काम है – शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ (Shiv mangal Singh Suman)

Amit Kumar Sachin

चलना हमारा काम है  शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ (Shiv mangal Singh Suman)   गति प्रबल पैरों में भरी फिर क्यों रहूं ...

sare jahan se achha india hamara - kaka hathrasi

सारे जहाँ से अच्छा है इंडिया हमारा – काका हाथरसी

Amit Kumar Sachin

सारे जहाँ से अच्छा है इंडिया हमारा काका हाथरसी सारे जहाँ से अच्छा है इंडिया हमारा हम भेड़-बकरी इसके यह ...

pichhada aadami hindi kavita

पिछड़ा आदमी – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

Amit Kumar Sachin

पिछड़ा आदमी हिंदी कविता – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना   जब सब बोलते थे वह चुप रहता था, जब सब चलते ...

desh kagaj par bana naksha nahi hota

देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

Amit Kumar Sachin

देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता हिंदी कविता – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना   यदि तुम्हारे घर के एक कमरे ...

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