अमेरिका तक से आते है अमी द्वारा तैयार किये कपड़ो के आर्डर
कपड़ों पर कढ़ाई करती अमी |
अपनी ‘क्लास की जान’ थी अमी
अमी के स्कूल के दिनों को याद करते हुए उनकी मां लता ने बीबीसी को बताया, ” शुरुआत में अमी का दाखिला दिव्यांग स्कूल में करवाया गया, लेकिन उनकी प्रतिभा और कौशल को देखते हुए, जल्दी ही अमी सामान्य स्कूल में जाने लगीं.अमी बचपन से ही सबका ख्याल रखने वाली लड़की थी. खुद शारीरिक कमजोरियों से जूझने के बावजूद वह अपने साथी बच्चों के साथ मिल-जुल कर रहती थी. उनके स्कूल के टीचर उन्हें ‘क्लास की जान’ कहा करते थे ”
स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद अमी की ज़िंदगी में एक ऐसा बुरा दौर भी आया, जब वे डिप्रेशन में चली गई थी. उस मुश्किल वक्त में उनकी माँ ने उनका साथ दिया और उन्हें दोबारा खड़े होकर लड़ने की हिम्मत दी. इसके बाद अमी ने दो साल का टेक्सटाइल का कोर्स किया,और साथ ही ब्यूटीशियन का कोर्स भी किया.
धीरे-धीरे अमी ने अपने घर में कढ़ाई-बुनाई का काम शुरू कर दिया. उनके इस काम में पूरे परिवार ने उनका साथ दिया.
विदेशो में भी उनके बनाये सामानों की हुयी तारीफ
लोगों की डिमांड बढ़ने लगी
अमी कपड़ों पर कढ़ाई के अलावा खूबसूरत क्लिप और हेयर बैंड भी डिजाइन करती हैं. उनके ग्राहकों में हेयरबैंड की डिमांड बहुत ज़्यादा है. अमरीका से उन्हें सबसे ज़्यादा इन हेयरबैंड के ऑर्डर मिलते हैं. अमी की माँ बताती हैं कि उन्हें रोजाना कई ऑर्डर की डिमांड आती है. लेकिन अभी अमी यह काम अकेले ही देख रही हैं, इसलिए महीने में कपड़ों पर कढ़ाई करने के 8-10 ऑर्डर ही ले पाती हैं. हर ऑर्डर की कीमत सामान पर निर्भर करती है, वह 2000-5000 रुपये प्रति ऑर्डर तक चार्ज करती हैं.
खुद का ट्रेनिंग स्कूल खोलने का इरादा
लगातार बढ़ती मांग के बाद अमी ने खुद का ट्रेनिंग स्कूल खोलने का इरादा किया है. इसके लिए उन्होंने नई मशीनें और जगह का चुनाव कर लिया है. वे बच्चों को कढ़ाई का काम सिखाना चाहती हैं साथ ही इसके जरिए वे ऑर्डर की बढ़ती डिमांड को भी जल्दी पूरा करने की कोशिश कर रही हैं.