अफ़सोस नहीं इसका हमको
गोपाल सिंह नेपाली
अफ़सोस नहीं इसका हमको,
जीवन में हम कुछ कर न सके,
झोलियाँ किसी की भर न सके,
सन्ताप किसी का हर न सके।
अपने प्रति सच्चा रहने का,
जीवन भर हमने काम किया,
देखा-देखी हम जी न सके,
देखा-देखी हम मर न सके ।
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