best hindi poems

desh kagaj par bana naksha nahi hota

देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

Amit Kumar Sachin

देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता हिंदी कविता – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना   यदि तुम्हारे घर के एक कमरे ...

Sarveshwar dayal saxena

पाँव बढ़ाना चलते जाना – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

Amit Kumar Sachin

पाँव बढ़ाना चलते जाना – हिंदी कविता  सर्वेश्वरदयाल सक्सेना   हँसा ज़ोर से जब, तब दुनिया बोली इसका पेट भरा ...

Sarveshwar dayal saxena

व्यंग्य मत बोलो – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

Amit Kumar Sachin

व्यंग्य मत बोलो – हिंदी कविता  सर्वेश्वर दयाल सक्सेना   व्यंग्य मत बोलो। काटता है जूता तो क्या हुआ पैर ...

veer tum badhe chalo

वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!

Amit Kumar Sachin

वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो! द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी   हाथ में ध्वजा रहे बाल दल सजा रहे ...

अफ़सोस नहीं इसका हमको – गोपाल सिंह नेपाली

Amit Kumar Sachin

अफ़सोस नहीं इसका हमको गोपाल सिंह नेपाली   अफ़सोस नहीं इसका हमको, जीवन में हम कुछ कर न सके, झोलियाँ ...

Tu kisi rail si gujarati hai

तू किसी रेल-सी गुज़रती है -दुष्यंत कुमार

Amit Kumar Sachin

तू किसी रेल-सी गुज़रती है दुष्यंत कुमार मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूँ वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूँ एक जंगल है तेरी ...

aadam gondawi kavita

वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है

Amit Kumar Sachin

वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है अदम गोंडवी   वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों ...

aadam gondawi kavita

घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है।

Amit Kumar Sachin

घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है अदम गोंडवी   घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली ...

dharmvir bharati

तुम कितनी सुन्दर लगती हो

Amit Kumar Sachin

तुम कितनी सुन्दर लगती हो धर्मवीर भारती तुम कितनी सुन्दर लगती हो जब तुम हो जाती हो उदास! ज्यों किसी ...

wah kahata tha sharad kokas

वह कहता था, वह सुनती थी – शरद कोकास

Amit Kumar Sachin

वह कहता था, वह सुनती थी शरद कोकास   वह कहता था, वह सुनती थी, जारी था एक खेल कहने-सुनने ...

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