तिलक के भोजपुरी लोकगीत

Amit Kumar Sachin

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1- आजु जनकपुर से तिलक आयो

 

आजु जनकपुर से तिलक आयो

तिलक लेहु ना चढ़ाई ए माई

आजु जनकपुर से तिलक आयो

तिलक लेहु ना चढ़ाई ए माई

तड़पी के बोले ले बाबा हो कवन बाबा,

तिलक है बड़ा थोर ए माई

आजु जनकपुर से तिलक आयो

तिलक लेहु ना चढ़ाई ए माई

तिलक हटाबहु जल्दी उठाबहु

मोरे बाबू रही हे कुआर माई

आजु जनकपुर से तिलक आयो

तिलक लेहु ना चढ़ाई ए माई

आजु जनकपुर से तिलक आयो

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2-ठाडी  कौशल्या माई तिलक निरेखेली

 

ठाडी  कौशल्या माई तिलक निरेखेली तिलक लायो बडा थोर जी,
एजी बरतन लयो बडा थोर जी।
अइसन बस्तर हम पंडितजी के दिहनी बाबू के वेद पढाई जी,
अइसन पिंताबर हम पंडितजी के दिहनी बाबू के वेद पढाई जी।
ठाडी  कौशल्या माई तिलक निरेखेली तिलक लायो बडा थोर जी,
एजी बरतन लयो बडा थोर जी।
अइसन परात हम धोबीया के दिहनी बाबू के बस्त्र धोवाई जी,
अइसन कठवत हम नउवा के दिहनी बाबू के बार कटाई जी।
ठाडी  कौशल्या माई तिलक निरेखेली तिलक लायो बडा थोर जी,
एजी बरतन लयो बडा थोर जी।
अइसन लोटवा हम धोबीया के दिहनी बाबू के नहवाई जी,
अइसन लोटवा हम नउवा के दिहनी बाबू के नहवाई जी।
ठाडी  कौशल्या माई तिलक निरेखेली तिलक लायो बडा थोर जी,
एजी बरतन लयो बडा थोर जी।

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