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ANAND NAIK-FOUNDER OF BOREDBEES
आज हम बात कर रहे हैं कर्नाटक के हुबली में रहने वाले आनंद नाइक की जिन्होंने साबित कर दिया है कि यदि खुद पर यकीन हो तो सफलता का मार्ग अपने आप प्रशस्त होने लगता है ।इंजीनियरिंग की पढाई बिच में छोड़कर इन्होने खुद की कम्पनी ‘बर्डबीज़’ की शुरुआत की जो अभी तक 150 से भी अधिक मोबाइल ऍप्लिकेशन्स का निर्माण कर चुकी है | तो चलिए जानते है इनकी सफलता की कहानी ……
घरवाले चाहते थे इंजीनियर बनाना
कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ी
आनंद अपने स्टार्टअप के शुरूआती दौर का जिक्र करते हुए कहते हैं कि “जब मैंने पहले–पहले काम प्रारंभ किया उस समय लोगों को मेरे व्यवसाय पर यकीन दिलाना सबसे बड़ी चुनौती थी। इसके अलावा सच कहूँ तो तकनीकी पृष्ठभूमि से भी मेरा कोई वास्ता नहीं था।”
गृहनगर हुबली से किया व्यवसाय का शुभारम्भ
आनंद के पास कोई दूसरा अनुभव भी नहीं था क्योंकि उस समय बोर्डबीज़ समूचे क्षेत्र का पहला टेक स्टार्टअप था। और अपने गृहनगर हुबली का चयन व्यवसाय के लिए करने के पीछे आनंद का कारण था कि उत्तरी कर्नाटक में हुबली एक जाना माना वाणिज्यिक और व्यावसायिक केंद्र है जिसे ‘छोटा बंबई’ भी कहा जाता है। लेकिन वहाँ ज्यादातर लोग अपना परंपरागत व्यवसाय जमा कर बैठे हैं। इस तरह परंपरागत व्यवसाय के बीच में तकनीकी व्यवसाय की शुरुआत करना अपने आप में एक चुनौती था ऐसे में एक नया व्यवसाय आई.टी समाधान कंपनी प्रारंभ करना आनंद के लिए एक खट्टा–मीठा लेकिन नए अनुभव प्रदान करने वाला रहा।
आई.टी क्षेत्र का पहला स्टार्टअप का मिला लाभ
अनुभवी इंजीनियरों को अपनी टीम में जोड़ा
टीम के साथ तालमेल में सफल
आनंद खुद कहते हैं कि मेरी टीम के सबसे उम्रदराज सदस्य 62 वर्ष के हैं और अपने टीम के सदस्यों के साथ आनंद का तालमेल बहुत ही व्यवहारिक और संवेदनशील है। आनद कहते हैं कि “मैं किसी को अपनी टीम का हिस्सा बनाने से पहले उससे एक मुलाकात जरूर करता हूँ। जिससे हमारी वैचारिक समझ बढ़ सके और हम सभी का सम्मान करते हुए कार्य करे।“
कर्नाटक के सबसे लोकप्रिय उद्यमियों में से एक
आने वाले समय में उन्हें काफी प्रसिद्धी और पुरस्कार मिले और आज वे उत्तरी कर्नाटक के सबसे लोकप्रिय उद्यमियों में से एक हैं। आनंद के स्टार्टअप बोर्डबीज़ ने विनिर्माण की समस्या से निजात पाने के लिए आउटसोर्सिंग के रास्ते को चुना जिसका परिणाम यह निकला कि बर्डबीज़ विनिर्माण के क्षेत्र में ई.आर.पी समाधान कंपनी बनने में शीर्ष पर रही। एक 18 साल के किशोर की सोच ‘बर्डबीज़’ अभी तक 150 से भी अधिक मोबाइल ऍप्लिकेशन्स का निर्माण कर चुकी है और प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
एक कॉल ने बदल दी जिन्दगी
आनंद कहते है “उस कॉल ने मानो मेरी जिंदगी बदल दी हो। प्रारंभिक दौर में ही पुरस्कार और सराहना का अपना अलग ही महत्व होता है क्योंकि इसके बाद आपको मान्यता तो मिलती ही है साथ ही बाजार में स्वीकार्यता भी मिलती है।”
18 बट नॉट टीन
वर्तमान में बोर्डबीज़ एक सफल और प्रतिष्ठित कम्पनी है। लेकिन आनंद आज भी हर दिन एक नयी शुरुआत करते हैं वे अपने अनुभवों को छात्रों और विशेषकर किशोरों के साथ साझा करते हैं और उन्हें प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने एक अभियान चलाया है जिसका नाम है “18 बट नॉट टीन“, जिसके माध्यम से कई कॉलेजों के युवाओं से अपने अनुभव साझा करते है। आनंद कहते हैं कि “मैंने प्रारंभिक दौर में बहुत अधिक आलोचना का सामना किया। मुझे याद है कि कैसे मेरे इस कदम को खतरनाक करार दे दिया गया था। मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूँ कि युवा कम उम्र में ही बड़े सपने देखने और विफलता को अपनाने में मेरे अनुभवों से कुछ सीख लेने में सफल रहें।“