Birthday Special- आत्मविश्वास से बना विराट
हर बच्चे का सपना होता है की वो बड़ा आदमी बने | हर बच्चे को पढने और आगे बढ़ने का अधिकार है | लेकिन जिन लोगो के पास पैसा होता है वे इस बात को गंभीरता से नहीं लेते और अपने बच्चो पर ध्यान नहीं देते | वे नहीं जानते की इस देश में लाखो लोग पैसे और संसाधनों की कमी की वजह से अपने बच्चो को उस तरह की शिक्षा नहीं दिला पते जिसके वो हक़दार है | मै इस तरह के लोगो को मदद करना चाहता हु ताकि संसाधनों की कमी की वजह से किसी बच्चे की प्रतिभा बेकार न हो |
विराट कोहली की जीवनी | Virat Kohli biography in Hindi
दिल्ली के पश्चिम बिहार इलाके के रहने वाले एक नौ साल के लड़के को उसके पिता का फरमान मिला की उसे क्रिकेटर बनना है |लेकिन पिता के इस फरमान में प्यार छुपा हुआ था क्योकि वे जानते है की उसके बेटे को क्रिकेट में दिलचस्पी है |बेटे ने पिता के इस आग्रह को अपना सपना बना लिया और वो भारत का सबसे चहेता क्रिक्केटर के साथ साथ भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान भी बन गया | जी हा हम बात कर रहे है लगातार सात सिरीज जितने वाले कप्तान विराट कोहली की | एक नजर डालते है विराट कोहली के बारे में
पूरा नाम – विराट प्रेम कोहली
जन्म – 5 नवम्बर 1988
जन्मस्थान – दिल्ली
पिता – प्रेम कोहली
माता – सरोज कोहली
कोच -राजकुमार शर्मा (वेस्ट डेल्ही क्रिकेट अकादमी )
आदर्श -सचिन तेंदुलकर
पसंदीदा अभिनेता -आमिर खान
पसंदीदा फुटबॉलर -Cristiano Ronaldo
पापा खुद ले गए क्रिकेट अकादमी
विराट रोजाना की तरह मोहल्ले के पार्क में बच्चो के साथ क्रिकेट खेल रहे थे | शाम होने पर घर आये तो पिता ने कहा की कल तुम्हे ट्रेनिंग दिलाने के लिया क्रिकेट अकादमी ले चलूँगा | उस समय विराट सिर्फ नौ साल के थे। यह जानकर विराट कोहली को थोडा अजीब लगा पर वे मन ही मन खुश थे | रात को उनके मन में तरह तरह के ख्याल आये | सुबह विराट अपने पापा के साथ पश्चिम दिल्ली क्रिकेट क्लब के दफ्तर में गए | उस समय वहां के कोच राजकुमार शर्मा थे |
विराट पर था पूरा भरोसा
विराट के पिता पुरे आत्मविश्वास के साथ कोच से बोले – मैं अपने बेटे को क्रिकेटर बनाना चाहता हूं। यह जानकर कोच को आश्चर्य हुआ क्युकी उनके पास आने वाले ज्यादातर माता पिता केवल छुट्टियों में ही बच्चो को ट्रेनिंग दिलाने की बात करते थे | पर पेशे से वकील प्रेम कोहली का नजरिया बिलकुल अलग था | वे चाहते थे की मेरा बेटा क्रिकेट में अपना बनाये
कोच के टेस्ट में हुए पास
राजकुमार शर्मा ने विराट कोहली का टेस्ट लिया | देखते ही वह समझ गए की इस लड़के में दम है |उन्होंने कहा की कल से तुम्हारी ट्रेनिंग शुरू | यह सुनकर विराट के ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा | अगले दिन से सारा टाइम टेबल तय हो गया। कितने बजे सुबह उठना है, कितने बजे स्कूल जाना है और कितने बजे एकेडमी पहुंचना है। विराट कोहली के लिए पहला दिन काफी शानदार रहा । प्रोफेशनल खिलाड़ियों के संग खेलना और ट्रेनर से खेल की बारीकियों को समझना विराट को अच्छा लगा।
साथी खिलाडियों ने उडाया मजाक
ट्रेनिग के दौरान विराट का प्रदर्शन काफी शानदार रहा | कोच उनकी मेहनत, समय की पाबंदी और झटपट सीखने की क्षमता के मुरीद हो गए। पर कुछ ही महीनों के बाद बैट पर पड़तीं दरारें, जूतों के घिसते तलवे और फटते दस्ताने के कारण असहज रहने लगे। साथी खिलाडी इस बात को लेकर उनका मजाक उड़ाते थे | विराट जानते थे कि पापा के लिए अपनी सीमित आय से इन खर्चों को वहन करना मुश्किल है।
अंडर 19 टीम में हुए शामिल
कोच अपने शिष्य की इस परेशानी को भांप गए | उन्होंने एक स्पोर्ट्स कंपनी से विराट की मदद करने को कहा। उन्होंने कंपनी के अधिकारियों के सामने विराट को पेश किया, तो वे चौंक गए। उन्होंने कहा, यह तो बच्चा है। खैर बात बन गई। जल्द ही विराट दिल्ली लीग की अंडर-14 टीम में शामिल हो गए। उनकी पहचान तेज तेवर वाले खिलाड़ी के तौर पर होने लगी। इसके बाद वह अंडर-19 टीम में शामिल हो गए।
पापा की मौत पर भी फील्ड नहीं छोड़ा
वर्ष 2006 में विराट को रणजी मैच खेलने का मौका मिला। मैच के दौरान ही पापा को ब्रेन स्ट्रोक हुआ और उनकी मौत हो गई। यह कठिन समय था विराट के लिए। उस दिन वह मैदान में वार्म-अप के लिए नहीं जा सके। सबको लगा कि आज वह नहीं खेल पाएंगे। पर कुछ देर बाद विराट मैदान में थे और पूरे फार्म में खेले।
कोच राजकुमार बताते हैं, उस दिन मैं सिडनी में था, विराट का फोन आया। उसने पापा की मौत के बारे में बताया और पूछा, मुझे क्या करना चाहिए? मैंने कहा, तुम्हें मैच बीच में नहीं छोड़ना चाहिए। इस पर विराट का जवाब था, सर मैं भी यही सोचा रहा था। पापा भी यही चाहेंगे कि मैं खेलूं।
अपनी कप्तानी में अंडर-19 वर्ल्ड कप जीताया
बात वर्ष 2008 की है। कोहली की कप्तानी में अंडर-19 इंडियन टीम ने वर्ल्ड कप जीता। विराट के क्रिकेट करियर की यह पहली और सबसे बड़ी जीत थी। पर अब उनके पापा इस खुशी का जश्न मनाने के लिए मौजूद नहीं थे। विराट की मां सरोज कहती हैं, विराट आज बहुत मशहूर खिलाड़ी बन गया है। काश, उसके पापा इस कामयाबी को देख पाते।
विराट पिछले दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि मैंने कम उम्र में ही बहुत कुछ हासिल किया, कुछ गलतियां भी कीं। अच्छी बात यह रही है कि इन गलतियों से काफी कुछ सीखा और अपने में सुधार लाने की कोशिश की।
हर बच्चे को पढ़ने और आगे बढ़ने का अधिकार है
अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने के बाद विराट ने पीछे मुड़कर नहीं देखा । विराट एक के बाद एक कीर्तिमान स्थापित करते गए । पर शोहरत और कामयाबी के बीच वह बचपन के कठिन दिन को कभी नहीं भूले। वर्ष 2013 में उन्होंने विराट कोहली फाउंडेशन की शुरुआत की। विराट कहते हैं, हर बच्चे को पढ़ने और आगे बढ़ने का अधिकार है। जिन लोगों के पास पैसा है, वे इस बात को गंभीरता से नहीं लेते, वे नहीं जानते देश में लाखों लोग पैसे व साधनों की कमी के कारण बच्चों को शिक्षा नहीं दिला पाते। मैं इन बच्चों की मदद करना चाहता हूं।
बने भारतीय टीम के कप्तान
जब धोनी ने संन्यास लिया तब वे भारतीय टीम के कप्तान बनाये गए। 2015 में विराट ने अपने करियर का दूसरा वर्ल्ड कप भी खेला। किसी भारतीय द्वारा सबसे तेज़ शतक और दुनिया में वन-डे क्रिकेट में सबसे तेज़ 5000 रन और सबसे तेज़ 10 वन-डे शतक मारने वाले कोहली ने कई रिकॉर्ड स्थापित किये हैं। कोहली ऐसे पहले खिलाड़ी हैं जिन्होंने लगातार 4 साल 1000 वन-डे रन बनाये और ऐसा करने वाले वह दुनिया के दूसरे खिलाड़ी बने। वे 20-20 में 1000 रन बनाने का रेकॉर्ड भी उन्ही के नाम हैं।
सचिन जैसी है बैटिंग स्टाइल
विराट बहुत आक्रमक किस्म के बैट्समैन है। जिनमें बहुत सी टेक्निकल स्किल भी है। विराट शॉट मरने के लिए फेमस है, अंडर प्रेशर में इन्हें खेलना बहुत अच्छा लगता है। विराट की बैटिंग स्टाइल बिल्कुल सचिन जैसी है, इसलिए उन्हें भविष्य का सचिन कहा जा रहा है। कुछ लोगों को मानना है कि विराट सचिन तेंदुलकर के रनों का स्कोर तोड़ देंगें।
फोबेर्स की सूचि में पॉपुलर सेलेब्रिटीस
विराट कोहली एक प्रसिद्ध क्रिकेटर के साथ एक फेमोस सेलिब्रिटीज भी हैं। फोबेर्स की सूचि में (2016) वे भारत 3 सबसे पॉपुलर सेलेब्रिटीस हैं। यही कारण है की वे कई कंपनियों के ब्रांड एम्बेसडर है|कोहली को क्रिकेट मे अपने बेहतरीन योगदान के लिए, कई पुरूस्कारो से नवाज़ा गया है जिनमे शामिल है आईसीसी वन-डे ‘प्लेयर ऑफ़ द ईयर’ 2012 और 2011 से 2012 तक ब्साइ इंटरनेशनल क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर। 2013 में इन्हे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने अद्वितीय योगदान के लिए ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। ब्रिटेन में प्रकाशित एक पत्रिका स्पोर्ट्स-प्रो ने विराट को 2014 में दुनिया का दूसरा सबसे अच्छा एथलीट बताया।
MILSTONE
- First indian test captain to score a double century overseas
- First ever batsman to score double centuries in four consecutive test series
- Quickest batsman to bring up to 30 odi centuries ,getting in his 186 th innings
- First cricketer to score three centuries in his first three inings as test captain
Like this:
Like Loading...
Related
बोहोत अच्छा लेख लिखा हैं आपने मैं विराट कोहली को भगवान की तरहा मानता हु लेख साझा करने के लिए धन्यवाद.
आज हम विराट कोहली का जो मुकाम देख रहे हैं उसके पीछे सालो की महंत हैं. विराट कोहली जब 7 साल के थे तब से ही वो महन्त करते जा रहे हैं, 31 साल के विराट को लगभग 24 साल हो गए हैं वो 24 साल से प्रत्येक दिन क्रिकेट खेलते और सकते हैं तो आज हम जो भी देख रही हैं वो विराट कोहली की 24 साल की महन्त का नतीजा हैं.
मेने भी आपने भगवान विराट कोहली के ऊपर एक लेख लिखा हैं यदि आपको कोई कमी दिखे तो जरूर बताना.
http://digitalknowledges.com/virat-kohli-biography-in-hindi/
आपके जवाब का इंतजार रहेगा
धन्यववाद