sarveshwar dayal saxena
पिछड़ा आदमी – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
Amit Kumar Sachin
पिछड़ा आदमी हिंदी कविता – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जब सब बोलते थे वह चुप रहता था, जब सब चलते ...
देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
Amit Kumar Sachin
देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता हिंदी कविता – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना यदि तुम्हारे घर के एक कमरे ...
पाँव बढ़ाना चलते जाना – सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
Amit Kumar Sachin
पाँव बढ़ाना चलते जाना – हिंदी कविता सर्वेश्वरदयाल सक्सेना हँसा ज़ोर से जब, तब दुनिया बोली इसका पेट भरा ...
व्यंग्य मत बोलो – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
Amit Kumar Sachin
व्यंग्य मत बोलो – हिंदी कविता सर्वेश्वर दयाल सक्सेना व्यंग्य मत बोलो। काटता है जूता तो क्या हुआ पैर ...