आज हम एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे है जिसने विपरीत परिस्थितियों में भी संघर्ष करते हुए अपने मुकाम को हासिल किया । जिस महिला को 8 साल पहले पति ने छोड़ दिया उसने अपने दो बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी निभाते हुए सड़को पर झाड़ू लगाया और अपनी मेहनत के बल पर RAS की परीक्षा पास कर डिप्टी कलेक्टर बनी। उन्होंने ये साबित कर दिया कि कितने भी कठिन डगर हो अगर आपमे क्षमता हो तो आप वो मुकाम हासिल कर सकते है।
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शादी के 5 साल बाद ही पति ने छोड़ा
आशा कंडारा की शादी 1997 में हुई थी । लेकिन शादी के 5 साल बाद ही उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया । पति से अलग होने के बाद ही आशा ने सोच लिया था कि उन्हें अपनी जिंदगी में कुछ करके दिखाना है। आशा ने 2 बच्चों के पालन पोषण के साथ साथ 2016 में अपनी ग्रेजुएशन की परीक्षा भी पास की । ग्रेजुएशन करने के 1 साल बाद उनका अपने पति से कानूनी तौर पर तलाक हो गया।
राजस्थान प्रशासनिक सेवा की तैयारी शुरू की
इन सबके बाद उन्होंने हिम्मत नही हारी और 2018 में सफाई कर्मचारी भर्ती की परीक्षा दी । इसके साथ ही उन्होंने राजस्थान प्रशासनिक सेवा की तैयारी भी शुरू कर दी । इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन पढ़ाई के साथ साथ कोचिंग क्लास भी जॉइन की । आशा कहती है कि-
मेरा हमेशा से ही गोल सिविल सर्विसेज में जाने का था मुझे इसकी प्रेरणा ताने सुनकर मिली । जब लोग यह बोलते थे कि तुम कलेक्टर हो क्या ? तुम्हारे मां बाप कलेक्टर है क्या ? यहां मत बैठो या नीचे बैठो। बहुत शोषण होता था । लोग कहते है कि जातिवाद नही है लेकिन जब इंसान फेस करता है तब पता चलता है की जातिवाद है कि नही । कोशिश तो आईएएस की थी लेकिन RAS में हो गया।
सड़क पर झाड़ू लगाने से भी नही हिचकिचाई
आशा ने अगस्त में RAS प्री की परीक्षा दी । अक्टूबर में परिणाम घोषित हुआ । पास होते ही आशा RAS मेंस की तैयारी में जुट गई । उन्होंने 26 जून 2019 को मेंस की परीक्षा दी । परीक्षा देने के 12 दिन बाद ही सफाई कर्मचारी के पद पर नियुक्ति का पत्र आया । आशा ने नौकरी जॉइन की और वो जोधपुर की सड़को पर झाड़ू लगाने से भी नही हिचकिचाई ।
परिवारजनों को दिया अपनी सफलता का श्रेय
सड़कों पर झाड़ू लगाने वाली नगर निगम कर्मचारी आशा का चयन एक मिसाल बन गया है । परीक्षा देने के बाद आशा को भरोसा था कि उनका चयन जरूर होगा । आशा ने RAS-2018 में अपनी मेहनत के बदौलत 728 वी रैंक हासिल की । आशा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार जनों को दिया है ।