अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचा के ध्वस्त हुए आज 25 साल पुरे हो गए है
आज ही के दिन यानि 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को ध्वस्त किया गया था | आजादी के बाद यह सबसे बड़ी घटना थी जिसने देश की राजनीती के साथ साथ सामाजिक गलियारों में भी हलचल मचा दी थी | इस घटना ने न सिर्फ भारत को बल्कि पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दुओ को भी प्रभावित किया था | आज इस घटना के 25 साल पुरे हो गए है ,लेकिन आज भी इस मुद्दे की गूंज भारत की राजनीती में सुनाई देती है | यह महज एक इतेफाक ही है की विवादित ढांचा ढहाने के 25 साल पुरे होने के एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई शुरू हुयी है | चलिए एक दृष्टि डालते है की अयोध्या में अब तक क्या क्या हुआ है |
- 1527 में बाबर ने यहां बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया। हिंदू मान्यता के अनुसार इसी जगह पर भगवान राम का जन्म हुआ था।
- 1853 में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच पहली हिंसा हुई। हिंदुओं का आरोप है कि भगवान राम के मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया हुआ।
- 1859 में ब्रिटिश सरकार ने विवादित भूमि के आंतरिक और बाहरी परिसर में मुस्लिमों और हिदुओं को अलग-अलग प्रार्थनाओं की इजाजत दी।
- 1885 में मामला पहली बार अदालत पहुंचा। महंत रघुबर दास ने फैजाबाद अदालत में मंदिर के निर्माण के लिए अपील दायर की।
- 5 दिसंबर, 1950 को महंत परमहंस रामचंद्र दास ने बाबरी मस्जिद में राममूर्ति रखने के लिए मुकदमा दायर किया। मस्जिद को ‘ढांचा’ नाम दिया गया
- 1 फरवरी, 1976 को फैजाबाद जिला न्यायाधीश ने विवादित स्थल पर हिदुओं को पूजा की इजाजत दी और ताले दोबारा खोले गए
- 1 जुलाई, 1989 को इस मामले में भगवान रामलला विराजमान नाम से एक और मुकदमा किया गया। यह पांचवा मुकदमा था।
- 25 दिसंबर, 1990 बीजेपी अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली।
- 6 दिसंबर, 1992 को हजारों की संख्या में कार सेवकों ने अयोध्या पहुंचकर ढांचा गिरा दिया। इसके बाद देश के तमाम हिस्सों में तनाव फैल गया।
- 16 दिसंबर, 1992 को विवादित ढांचा गिराने की जिम्मेदार स्थितियों की जांच के लिए लिब्रहान आयोग का गठन किया गया।
- जनवरी, 2002 तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वार्ता से विवाद सुलझाने के लिए अपने कार्यालय में एक अयोध्या प्रकोष्ठ शुरू किया।
- अप्रैल, 2002 अयोध्या के विवादित स्थल पर मालिकाना हक को लेकर उच्च न्यायालय के तीन जजों की पीठ ने सुनवाई शुरू की।
- सितंबर, 2003 अदालत ने फैसला दिया कि मस्जिद के विध्वंस को उकसाने वाले सात हिंदू नेताओं को सुनवाई के लिए बुलाया जाए।
- जुलाई, 2009 लिब्रहान आयोग ने अपने गठन के करीब 17 साल बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
- 28 सितंबर, 2010 सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहबाद उच्च न्यायालय को विवादित मामले में फैसला देने से रोकने वाली याचिका खारिज की।
- 30 सितंबर, 2010 इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटा। एक हिस्सा राम मंदिर, दूसरा सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े को मिला।
- 9 मई, 2011 को इस मामले में देश के सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक के आदेश दिए।
- जुलाई, 2016 बाबरी मामले के सबसे उम्रदराज वादी हाशिम अंसारी का 95 साल की उम्र में निधन हो गया। वह 1949 से इस मामले से जुड़े थे।
- 21 मार्च 2017 सुप्रीम कोर्ट ने आपसी सहमति से विवाद सुलझाने की बात कही। इसके बाद दोनों तरफ से कोशिशें शुरू हुईं।
- 19 अप्रैल, 2017 सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में कई नेताओं के खिलाफ आपराधिक केस चलाने का आदेश दिया।
- 11 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे से जुड़े सभी कागजातों को अंग्रेजी में अनुवाद करने के आदेश दिए।
- 5 दिसंबर 2017 सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की विशेष अदालत में विवादित मामले की फिर से सुनवाई शुरू की गई है।