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पानी की बूंद – PANI KI BUND
”पानी की बूंद गरम तवे पर पड़ जाये तो मिट जाती है ,
कमल के पत्ते पर गिरे तो मोती की तरह चमकने लगती है ,
सीप में आये तो खुद मोती ही बन जाती है |
पानी की बूंद तो वही है ,बस संगत का फर्क है | ”
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