जानिए हिंदी नहीं है भारत की राष्ट्रभाषा फिर भी अधिकतर सरकारी काम हिंदी में क्यों होते है

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हिंदी भाषा, भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है | विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी का चौथा स्थान है | देश के 77% लोग हिन्दी बोलते और समझते हैं. 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में 5 सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी, बंगाली, तेलुगु, मराठी, तमिल भाषाएँ हैं |

हिंदी नहीं है भारत की राष्ट्रभाषा 

हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा (NATIONAL LANGUAGE) नहीं है ,किन्तु फिर भी हम देखते है की भारत के बहुत सारे  कार्यालयों में हिंदी में काम होता है | भारत सरकार द्वारा जारी  किसी भी प्रकार के डॉक्यूमेंट में हिंदी भाषा में अवश्य लिखी रहती है | जैसे पासपोर्ट भी अंग्रेजी के साथ साथ हिंदी में जरुर लिखा रहता है | दरअसल इसके पीछे कारण यह है की हिंदी भले ही राष्ट्र भाषा नहीं हो पर वह भारत की ऑफिसियल (अधिकारिक )  भाषा है  |भारतीय संविधान (Indian Constitution)  में 14 September, 1949 को हिन्दी की देवनागरी लिपि को अधिकारिक तौर पर मान्यता प्रदान की गई है। इसलिए 14 सितम्बर को हर साल हिन्दी दिवस” भी मनाया जाता है। इसलिए भारत सरकारमें ही होते है | अंग्रेजी भारत की दूसरी ऑफिसियल भाषा है |

बिहार ने सबको पीछे छोड़ा

भले ही हिंदी भारत की राष्ट्र भाषा नहीं हो पर भारत के प्रत्येक राज्य को अपनी अधिकारिक भाषा चुनने का अधिकार है | इस तरह प्रत्येक राज्य की अधिकारिक भाषा अलग अलग अलग है जिसके कारण राज्य द्वारा निर्गत डॉक्यूमेंट की भी भाषा अलग अलग होती है | जैसे तमिलनाडु का राशनकार्ड हिंदी में नहीं बल्कि  तमिल और इंग्लिश में लिखा होता है |  हिन्दी अपनाने के मामले में बिहार ने पूरे भारत को पीछे छोड़ दिया था जब वर्ष 1881 में बिहार ने उर्दू को छोड़ हिन्दी को अपनी एकमात्र राज भाषा बना लिया था। और ऐसा करने वाला भारत का पहला राज्य था।

OFFICIAL LANGAUGE और NATIONAL LANGUAGE में अंतर

इस तरह राष्ट्रभाषा (NATIONAL LANGUAGE) वो भाषा होती है जिसका उपयोग राष्ट्र में हर जगह होता है जबकि  अधिकारिक भाषा (OFFICIAL LANGAUGE) वो भाषा होती है जिसका उपयोग सरकारी कार्यालयों में होता है | यह हमारे देश का दुर्भाग्य ही है की इतने बड़े देश की कोई भी राष्ट्रभाषा नहीं है |हिन्दी को राष्ट्रीय भाषा बनाने के लिए लम्बे समय से debate चल रही है, लेकिन इस पर अभी तक मुहर नहीं लगी है।

इंटरनेट पर हिंदी कंटेंट की भारी मांग

हिंदी दुनिया में सबसे तेजी से लोकप्रिय हो रही भाषा है और इंटरनेट पर भी इसकी मांग पिछले कुछ सालों में अंग्रेजी की तुलना में 5 गुना तेजी से बढ़ी है. गूगल ने कहा है कि इंटरनेट पर हिंदी कंटेंट की मांग अब बढ़ना शुरू हो गई है. यह साल-दर-साल English कंटेंट के 19 प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले 94 प्रतिशत बढ़ती जा रही है . कम्प्यूटर के विकास के आरम्भिक काल में अंग्रेजी को छोड़कर विश्व की अन्य भाषाओं का प्रयोग बहुत कम किया जाता था. जिससे कारण सामान्य लोगों में यह गलत धारणा फैल गयी कि कम्प्यूटर अंग्रेजी के सिवा किसी दूसरी भाषा में काम ही नही कर सकता. किन्तु यूनिकोड के पदार्पण के बाद स्थिति बहुत तेजी से बदल गयी . हिंदी भारत की उन 7 भाषाओं में से एक भाषा है जिसका इस्तेमाल Web addresses (URLs) बनाने के लिए किया जाता है.

176 विश्वविद्यालयों में हिन्दी की पढ़ाई

आज भी संयुक्त राज्य अमेरिका (US) के 45 विश्वविद्यालय सहित पूरी दुनिया के लगभग  176 विश्वविद्यालयों में हिन्दी की पढ़ाई जारी है.भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983, मॉरीशस में 685,170, दक्षिण अफ्रीका में 890,292, यमन में 232,760, युगांडा में 147,000, सिंगापुर में 5,000, नेपाल में करीब 8 लाख, न्यूजीलैंड में 20,000, जर्मनी में 30,000 हैं.  20 से ज्यादा देशों में हिंदी भाषा का इस्तेमाल किया जाता है.

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