TANUSHREE PARIKH-FIRST WOMAN BSF OFFICER

0
2528

 तनुश्री पारीक

(TANUSHREE PARIKH )

राजस्थान में भारत-पाक सीमा पर देश की रखवाली करने वाली बीएसएफ की पहली महिला असिस्टैंट कमांडेंट तनुश्री पारीक उन्हीं महिलाओं में से एक हैं। तनुश्री ने 40 साल के बीएसएफ के इतिहास में पहली महिला असिस्टेंट कमांडेंट बनने का गौरव हासिल किया। वह इस वक्त पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाके बाड़मेर में ड्यूटी पर तैनात हैं।

देश में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुष  को न सिर्फ चुनौती दे रही है बल्कि उनसे आगे भी बढ़ रही हैं। राजस्थान में भारत-पाक सीमा पर देश की रखवाली करने वाली बीएसएफ की पहली महिला असिस्टैंट कमांडेंट तनुश्री पारीक उन्हीं महिलाओं में से एक हैं। तनुश्री ने 40 साल के बीएसएफ के इतिहास में पहली महिला असिस्टेंट कमांडेंट बनने का गौरव हासिल किया। वह इस वक्त पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाके बाड़मेर में ड्यूटी पर तैनात हैं। अपनी ड्यूटी के साथ ही वह कैमल सफारी के जरिए बीएसएफ एवं वायुसेना के महिला जवानों के साथ नारी सशक्तिकरण एवं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश दे रही हैं।

देश की पहली महिला असिस्टेंट कमांडेंट

तनुश्री 2014 बैच की बीएसएफ अधिकारी हैं। 2014 की यूपीएससी की असिस्टैंट कमांडेंट की परीक्षा पास की थी। इसके बाद उन्होंने टेकनपुर स्थित सीमा सुरक्षा बल अकादमी में आयोजित पासिंग आउट परेड में देश की पहली महिला अधिकारी (असिस्टेंट कमांडेंट) के रूप में हिस्सा लिया और 67 अधिकारियों के दीक्षांत समारोह में परेड का नेतृत्व भी किया। इसके लिए उन्हें सम्मानित किया गया। टेकनपुर के बाद तनुश्री ने बीएसएफ अकैडमी के 40वें बैच में 52 हफ्तों की ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद तनुश्री को पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनाती मिली।

दीक्षांत समारोह के दौरान बैच लगाते राजनाथ सिंह


बॉर्डर फिल्म की शूटिंग से मिली प्रेरणा 

अभी तनुश्री पंजाब फ्रंटियर में तैनात हैं। उनका कहना है कि उन्होंने नौकरी के लिए नहीं पैशन के लिए बीएसएफ को चुना क्योंकि उन्हें बचपन से ही सेना में जाने की लगन थी। जिस बाड़मेर में आज तनुश्री ड्यूटी कर रही हैं कभी उनके पिता वहां नौकरी करते थे। जब बीकानेर में बॉर्डर फिल्म की शूटिंग हो रही थी तो वह स्कूल जाया करती थीं। उसी फिल्म से तनुश्री को सेना में जाने की प्रेरणा मिली। वह स्कूल और कॉलेज में एनसीसी कैडेट भी रहीं हैं।

लड़कियां सूरज से बचने के लिए सनस्क्रीन लगाना छोड़ें

तनुश्री कहती हैं, ‘मेरा फोर्स में जाना तभी मायने रखेगा, जब दूसरी लड़कियां भी फोर्स ज्वाइन करना शुरू करेंगी।’ उन्होंने कहा कि लड़कियां सूरज से बचने के लिए सनस्क्रीन लगाना छोड़ें, धूप में तपकर खुद को साबित करें।’उन्हें इस बात का बेहद गर्व है कि वे देश की पहली महिला कॉम्बैट ऑफिसर हैं ।

बचाओ-बेटी पढ़ाओ दे रही है संदेश 

तनुश्री इस वक्त एक कैमल सफारी का नेतृत्व कर रही हैं जो सीमा से सटे इलाकों में आमजन से रूबरू होने के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और महिला सशक्तिकरण का संदेश दे रही है। यह कैमल सफारी 1368 किमी का सफर तय कर 49 दिन बाद यानी 2 अक्टूबर को वाघा बॉर्डर पहुंचेगी। कैमल सफारी में तनुश्री के साथ एयरफोर्स की लेडी ऑफिसर अयुष्का तोमसभी हैं। वह कहती हैं कि अगर माता-पिता बेटियों को पढ़ाई के साथ काबिल बना देंगे तो फ्यूचर में वे अपने पैरों पर खड़े होने के साथ किसी पर निर्भर नहीं रहेंगी।

Leave a Reply