DEMI LEIGH MISS UNIVERSE 2017 BIOGRAPHY IN HINDI || डेमी लेई मिस यूनिवर्स 2017 का जीवन परिचय

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दोस्तों आज हम बताने जा रहे है ब्रम्हांड सुंदरी यानि मिस यूनिवर्स 2017 के बारे में जिसके माता पिता दोनों ने दूसरी शादी की | सुन्दर होने की वजह से एक बार उनके अपहरण की भी कोशिश हुयी | लेकिन उन्होंने हर नहीं माना और उनका मानना हैं की प्रत्येक लड़की को सेल्फ डिफेन्स आना चाहिए | चलिए जानते है की बिजनेस मैनेजमेंट की ये लड़की कैसे बनी मिस यूनिवर्स |

DEMI LEIGH MISS UNIVERSE 2017 BIOGRAPHY IN HINDI

डेमी लेई नेल (Demi-Leigh Nel-Peters) का जन्म दक्षिण अफ्रीका के वेस्टर्न केप प्रांत में  28 June 1995 को हुआ था ।डेमी के  जन्म के बाद से ही मम्मी-पापा में अनबन रहने लगी थी। जब वह दो साल की थी तब तनाव इतना बढ़ गया था की उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली ।  वे अपने नए घर में रहने लगे, पर डेमी को कभी अपने से अलग नहीं कर पाए। पापा अक्सर उनसे मिलने आया करते थे।

सगी माँ ने भी की दूसरी शादी 

डेमी की सगी मां एनी इंटीरियर फैशन डिजाइनर थीं। कुछ समय बाद उन्होंने भी दूसरी शादी कर ली। एनी ने अपने  होने वाले पति जोहान को  पहले ही बता दिया था कि उनकी बेटी उनके साथ रहेगी।

डेमी बताती हैं- जोहान मेरे सौतेले पिता हैं, पर मेरे लिए दुनिया के सबसे प्यारे इंसान हैं। उन्होंने कभी एहसास  नहीं होने दिया कि वह मेरे दूसरे पिता हैं।

डेमी की नई मां इलेज पीटर मनोचिकित्सक थीं। इलेज कहती हैं- जब मैंने पहली बार उसे देखा, तब वह दो साल की थी। उसकी मासूमियत दिल को छू गई। उसे गोद में उठाया, तो मां होने का एहसास हुआ।

इस तरह डेमी का बचपन दो घरों में बीतने लगा। कभी सगी और सौतेली मां का फर्क महसूस ही नहीं हुआ। दोनों माएं उन पर खूब प्यार लुटातीं। धीरे-धीरे दोनों मां अच्छी दोस्त बन गईं। दोनों परिवारों का तनाव भी खत्म होने लगा।

 

विकलांग बहन बनी प्रेरणा

डेमी को हमेशा यह शिकायत रहती कि उनका कोई भाई-बहन नहीं है। नई मां इलेज ने उनकी तमन्ना पूरी कर दी। डेमी जब  दस साल की थीं, तो उनकी नयी माँ ने  एक बेटी को जन्म दिया। पर वह जन्म से ही विकलांग थी। बहन के साथ खेलने और मजे करने का सपना अधूरा रह गया।

डेमी कहती हैं- काश, वह मेरे संग खेल पाती। मुझसे बातें कर पाती। उसे देखकर एहसास हुआ कि ईश्वर ने मुझे कितनी खूबियों से नवाजा है। तब मैंने तय किया कि मैं अपनी जिंदगी के हर पल को पूरी संजीदगी से जिऊंगी। कुछ ऐसा करूंगी कि घरवालों को मुझ पर गर्व हो। बहन मेरी प्रेरणा है। 

डेमी को किताबें पढ़ना और पार्क में दौड़ना खूब पसंद था। स्कूल में उनकी छवि एक पढ़ाकू और अनुशासित लड़की की रही। 10वीं कक्षा में उन्हें स्कूल की हेड गर्ल बनाया गया। जब वह कक्षा 11 में थीं, उन्हें जॉर्ज सिटी काउंसिल का डिप्टी मेयर नियुक्त किया गया। जब वह घर से बाहर होतीं, मां को उनकी फिक्र सताती। इसलिए उन्हें सेल्फ डिफेंस की ट्र्रेंनग दिलवाई गई।

खुबसूरत दिखने में लगने लगा मन 

डेमी अब  18 साल की हो चुकी थीं। बाकी लड़कियों की तरह उन्हें भी सजना-संवरना अच्छा लगने लगा। खाली वक्त में वह तरह-तरह की हेयर स्टाइल बनातीं। मां के संग फैशनेबल कपड़े खरीदने जातीं।

डेमी कहती हैं- मैं सबसे खूबसूरत दिखना चाहती थी। मैं फैशन मैगजीन पढ़ने लगी। फैशन शो देखने लगी। पर कभी नहीं सोचा था कि ब्यूटी क्वीन बनूंगी। मम्मी-पापा ने कभी ऐतराज नहीं किया, पर वे इस बात को लेकर हमेशा संजीदा रहे कि बेटी एक सम्मानजनक करियर चुने।

फैशन पत्रिकाओं में दिलचस्पी बढ़ी 

12वीं पास करने के बाद उन्होंने नॉर्थ वेस्ट यूनिवर्सिटी से बिजनेस मैनेजमेंट में डिग्री हासिल की। पढ़ाई के दौरान ही फैशन पत्रिकाओं में दिलचस्पी बढ़ने लगी। नई मां ने उनके मन की बात भांप ली। छोटी मां उन्हें कई फैशन शो में लेकर गईं। पिछले साल वह मिस साउथ अफ्रीका का फाइनल शो देखने पहुंचीं।

डेमी बताती हैं- सुंदरियां जिस नजाकत से स्टेज पर आईं, उसे देखकर मैं अभिभूत हो गई। इसी ने मुझे विश्व सुंदरी बनने के लिए प्रेरित किया। 

रातो रात बनी सेलेब्रेटी 

अब डेमी  तय कर चुकी थीं कि उन्हें  ब्यूटी क्वीन बनना है। हमेशा की तरह मां ने हौसला दिया। फिटनेस ट्र्रेंनग और काउंर्संलग सेशन शुरू हुए। इस साल मिस साउथ अफ्रीका के चयन में जज पैनल के अलावा जनता से भी र्वोंटग कराई गई। मार्च में वह मिस साउथ अफ्रीका चुनी गईं। रातोंरात डेमी सेलिब्रिटी बन गईं। जिधर जातीं, कैमरामैन पीछा करते। लोग उन्हें देखने को उमड़ पड़ते। पर वह बिंदास  जीना चाहती थीं। सुरक्षा घेरे में रहना पसंद न था।

डेमी का अपहरण करने की हुयी कोशिश 

खिताब जीते कुछ दिन हुए थे। शर्ॉंपग के लिए वह जोहानिसबर्ग में थीं। दिन का वक्त था। आसपास काफी भीड़ थी। वह कार से बाहर निकल रही थीं कि अचानक सामने से तीन बंदूकधारी आए। उन्होंने धमकी देते हुए कहा- कार में बैठो चुपचाप। उनमें से एक ने उनका फोन छीना और दूसरे ने पर्स। डेमी फुर्ती के साथ पलटीं और उन्हें धकेलते हुए सड़क पर तेजी से भागने लगीं। वह मदद के लिए चिल्ला रही थीं और लोग तमाशा देख रहे थे।

डेमी बताती हैं- उस दिन सेल्फ डिफेंस ट्र्रेंनग बहुत काम आई। वे मेरा अपहरण करना चाहते थे, पर मेरा हौसला देखकर भाग गए। इसीलिए मैं कहती हूं कि हर लड़की को आत्मरक्षा ट्र्रेंनग लेनी चाहिए। 

इस हादसे के बाद घरवाले डर गए, पर डेमी ने कहा कि यह वक्त डरकर घर में बैठने का नहीं है। उन्होंने लड़कियों को आत्मरक्षा की ट्र्रेंनग देने के लिए अनब्रेकेबल नाम का कार्यक्रम शुरू किया। वह वर्कशॉप के जरिये लड़कियों को आत्मरक्षा के लिए जागरूक करने लगीं। डेमी कहती हैं- लड़कियों को हमेशा से शारीरिक रूप से कमजोर समझा गया।

90 सुन्दरियों को देकर मात पहना ताज  

अब बारी थी अंतरराष्ट्रीय मंच पर जलवा बिखेरने की, जहां मुकाबला 90 सुंदरियों से था। तैयारी का समय कम  था, पर हौसले बुलंद थे। डेमी-ले नेल-पीटर्स साउथ अफ्रीका की तरफ से मिस वर्ल्ड 2017 और मिस यूनिवर्स 2017 में अपने देश साउथ अफ्रीका को प्रतिनिधित्व करने वाली थीं, लेकिन दोनों प्रतियोगिताओं की डेट क्लैश होने की वजह से डेमी-ले नेल को मिस यूनिवर्स 2017 के लिए भेजा गया।उन्होंने अपने देशवासियों को मायूस नहीं होने दिया और लास वेगास में उन्होंने मिस यूनीवर्स का ताज अपने नाम कर लिया।

39 सालो का सुखा किया ख़त्म

डेमी-ले नेल-पीटर्स साउथ अफ्रीका की दूसरी मिस यूनिवर्स हैं। इससे पहले मार्गरेट गार्डिनर ( Margaret Gardiner) 1978 में मिस यूनिवर्स साउथ अफ्रीका बनीं थीं। इस हिसाब से देखा जाए तो साउथ अफ्रीका को करीब 39 साल बाद मिस यूनिवर्स का ताज मिला है।

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