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भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था कि सपने वह नहीं जो सोते समय हम देखते हैं बल्कि सपने वह होते हैं जो आपको सोने नहीं देते हैं इन पंक्तियों को चरितार्थ करके दिखाया है भारत के सबसे युवा आईपीएस सफिन हसन ने वे एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिनके पिता एक साधारण इलेक्ट्रीशियन एवं मां घर का खर्च चलाने के लिए मैच का काम करती थी कई बार उनके घर में खाने के लिए भी नहीं रहता था उन्हें अपने स्कूल की फीस भरने में भी काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा लेकिन इन तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने हार नहीं माना और देश के सबसे युवा ऑफिसर बंद कर तमाम युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं तो चलिए जानते हैं उनका बचपन से लेकर आईपीएस बनने की पूरी कहानी को

सफिन हसन ने सिर्फ 22 साल की उम्र में ही आईपीएस की परीक्षा पास की और आईपीएस बन गए इस उम्र में बहुत सारे युवा यह यह तक तय नहीं कर पाते कि उन्हें आगे करना क्या है सफेद बताते हैं कि जब यह पांचवी कक्षा में पढ़ते थे तो 1 दिन उनके विद्यालय का निरीक्षण करने के लिए उस जिले के कलेक्टर रेट है उनके रुतबे और शानो शौकत को देखकर सफीन ने अपने मास्टर जी से पूछा कि यह कौन है तो टीचर ने सफीन को समझाने के लिए बोल दिया कि बस समझ लो कि यह जिले के राजा है यह बात सफीन के बाल मन में बस गई और तभी से उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने की ठान ली

अफीम की शुरुआती शिक्षा गुजरात के सूरत के एक छोटे से गांव कानूदर में हुआ वाह शुरू से ही पढ़ाई में तेज थे लेकिन शुरुआती शिक्षा के बाद जब उन्होंने 11वीं में साइंस लेना चाहा तो गांव के सरकारी स्कूल में यह सुविधा नहीं थी और उनके पास इतना पैसा नहीं था कि कोई प्राइवेट स्कूल मैं जा सके तभी वहां एक नया पब्लिक स्कूल खुला जिसमें सब टीम के पुराने शिक्षक भी थे उन्होंने सफीन को वहां पढ़ने का मौका दिया और फीस का अतिरिक्त बोझ भी हटाया

सफीन के माता पिता एक हीरे की यूनिट में काम करते थे लेकिन दुर्भाग्यवश उनकी नौकरी चली गई जिसके बाद घर का खर्च उठाने के लिए उनकी माता ने लोगों के घर में नौकरानी का काम किया वही पिता ने जाड़ों में अंडा और चाय का ठेला लगाने का भी काम किया

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