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Kieron Pollard Biography Hindi – किरोन पोलार्ड का जीवन परिचय
Kieron Pollard जिनका नाम T20 क्रिकेट में बड़े सम्मान से लिया जाता है। वो वेस्टइंडीज टीम के वनडे मैच के कप्तान है । लेकिन आईपीएल में इस खिलाड़ी का अलग ही रुतबा है। फटाफट क्रिकेट में इस खिलाड़ी की ऐसी साख है इनके सामने बड़ा से बड़ा गेंदबाज गेंद डालने से डरता है। इनके पास आज के समय में सब कुछ है दौलत भी है और शोहरत भी। लेकिन क्या आपको पता है एक वक्त ऐसा भी था जब पोलार्ड के पास कुछ भी नहीं था। वे ड्रग्स और जुर्म की ऐसी दुनिया से आते हैं जहां पलने वाले ज्यादातर लोग क्रिमिनल ही बनते हैं।
गरीबी में बिता बचपन
12 मई 1987 को पोलार्ड का जन्म त्रिनिदाद में हुआ था। पोलार्ड ने अपने बचपन के दिन बहुत ही गरीबी में बिताए थे । उनको पालने का जी जिम्मा उनकी मां पर था । उनके पिता बचपन में बिना बताए उन्हें बेसहारा छोड़ कर चले गए थे। पोलार्ड की 2 बहनें भी थी जिनका ख्याल रखना उनकी मां के लिए काफी मुश्किल था। पोलार्ड की मां बच्चों को पालने के लिए त्रिनिदाद के टूनापूना शहर में आ गई। क्राइम के हिसाब से यह जगह सबसे ऊपर में आती थी। ऐसी जगह जहां ड्रग्स , हत्या, लूट आम बात थी। पोलार्ड ने अपना बचपन ऐसी जगह पर बिताया पोलार्ड ने बचपन से ही खून खराबा और लूटपाट देखा। लेकिन उन्होंने कभी भी जुर्म के रास्ते को अपना सफर नहीं बनाया। क्योंकि पोलार्ड को पता था कि उनके ऊपर उनकी मां और दो बहनों का जिम्मा है। वे सोचते थे कि आगे जाकर उन्हें एक बेहतर जीवन देना है।
पोलार्ड ने एक इंटरव्यू में कहा था कि-
मेरी मां मजदूरी करके पैसे इकट्ठे करती थी तो हमारे परिवार वालों को कभी-कभी एक वक्त का खाना ही मिल पाता था। मैंने बचपन काफी खराब परिस्थितियों में निकाला है।
क्रिकेट को चुना अपना सफ़र
इसलिए पोलार्ड ने जुर्म की दलदल में फंसने के बजाय क्रिकेट को अपना सफर चुना । बचपन में पोलार्ड को अपनी क्रिकेट की काबिलियत का एहसास हुआ था। पोलार्ड जिस जगह से आते हैं वहां के लोगों की कद काठी एथलेटिक्स के हिसाब से काफी शानदार होती है। यह वही जगह है जहां से Ato Bolton जैसे स्प्रिंटर निकल कर आए हैं ।
वेस्टइंडीज की अंडर-19 टीम में खेलने का मिला मौका
पोलार्ड को एथेलेटिक विरासत में मिला। उनकी शारीरिक बनावट क्रिकेट में लंबे छक्के लगाने में मदद देती थी। जिसको देखकर पोलार्ड को 2006 में वेस्टइंडीज की अंडर-19 टीम में खेलने का मौका मिल गया। पोलार्ड को इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा । उनका इंटरनेशनल डेब्यू 10 अप्रैल 2017 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुआ। जहां वह केवल 17 गेंदों में 10 रन ही बना सके और गेंदबाजी करते हुए उन्हें कोई विकेट भी नहीं मिला।
आईपीएल ने बदली किस्मत
आईपीएल ने पोलार्ड को हर वो चीज दी जिसके वह हकदार थे। साल 2007 में क्रिकेट में अलग Revolution आया। अब वक्त क्रिकेट में T20 का था। जहां क्रिकेट में पोलार्ड जैसे खिलाड़ी की जरूरत थी। वह कहते हैं ना कि अगर आपके पास काबिलियत है तो तकदीर अपना रास्ता खुद ढूंढ लेती है। एक ऐसा ही किस्सा पोलार्ड के साथ हुआ। यह वक्त आईपीएल का था। जहां फ्रेंचाइजी ने बड़ी-बड़ी बोली लगाकर नए-नए क्रिकेटर्स को रातों-रात करोड़पति बना दिया। पोलार्ड की किस्मत भी एक तरह से आईपीएल में आने के बाद ही बदली।
मुंबई इंडियंस ने 5.50 करोड़ में ख़रीदा
साल 2009 में न्यू साउथ वेल्स और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच मैच हो रहा था । 170 का पीछा करते हुए त्रिनिदाद का 6 विकेट गिर चुका था। टीम हार की तरफ बढ़ रही थी। तभी पोलार्ड नामक ऐसा तूफान आया जिसने 18 गेंदों में 55 रन की पारी खेल टीम को जीत दिला दी। इस पारी में पोलार्ड ने 5 बड़े छक्के जड़े। पोलार्ड की पारी का ही कमाल था की मुंबई इंडियंस ने उन्हें 2010 में 5.50 करोड़ की भारीभरकम बोली लगाकर उनको खरीद लिया
आईपीएल में चुने जाने के बाद पोलार्ड ने बयान देते हुए कहा था-
आईपीएल जैसे लीग में शामिल होना काफी शानदार है । इस लीग में बड़ी कीमत वाले खिलाड़ी खेलते हैं । जिसके साथ खेलना मेरे लिए काफी सम्मान की बात है । अब मैं पहले से ज्यादा प्रोफेशनल रहूंगा और जितने पैसे देकर मुझे खरीदा गया है उसे जिम्मेदारी से निभाऊंगा।
शानदार प्रदर्शन के बल पर मुंबई इंडियंस को दिलाई ट्रॉफी
पोलार्ड 2010 में मुंबई इंडियंस के लिए खेले । उनका प्रदर्शन ठीक-ठाक ही रहा । लेकिन 2013 में उन्होंने जिस तरह का प्रदर्शन दिखाया वह मुंबई इंडियंस के पहले आईपीएल ट्रॉफी जीतने की सबसे बड़ी वजह है। पोलार्ड ने इस सीजन में 18 मैचों में 420 रन बनाए। जहां उन्होंने 150 का स्ट्राइक रेट से कुल 29 छक्के ठोके । पोलार्ड की काबिलियत का सबसे बड़ा प्रमाण इस पूरे सीजन में देखने को मिला। जिसके बाद वह मुंबई इंडियंस का अब तक महत्वपूर्ण हिस्सा है। और यह टीम आईपीएल में सबसे ज्यादा ट्रॉफी भी जीत चुकी है ।
पैसे का महत्त्व
T20 cricket और पोलार्ड एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। पोलार्ड के अंदर बहुत काबिलियत थी । लेकिन वह कभी भी वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ियों में शामिल नहीं हो सके। इसकी सबसे बड़ी वजह उनका दुनिया भर के T20 लीग में खेलना है । वह अपने देश के टीम के बदले T20 में खेल कर पैसा कमाना चाहते थे। इस कारण उन्हें वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों ने भाड़े का खिलाड़ी तक का डाला था। लेकिन पोलार्ड का इस पर कोई असर नहीं पड़ा । क्योंकि उन्हें पता था कि वह जहां से आए हैं और उनके लिए पैसा कितना महत्व रखता है।
एक बार पोलार्ड ने एक इंटरव्यू में कहा था –
मैं यह नहीं चाहता कि मेरा परिवार भी उसी हालात से गुजरे जिस हालात से मैं गुजरा हूं। इसलिए मैं जब भी मैदान पर उतरता हूं तो उनकी प्रेरणा मुझे परफॉर्म करने का जज्बा देती है।
पोलार्ड ने अब तक दुनिया भर के कई टीमों के साथ T20 मैच खेले चुके है। वह अब तक 500 से ऊपर T20 मैच खेल चुके हैं और 10000 से भी अधिक रन बना चुके हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि क्रिमिनल वाली जगह से निकलकर क्रिकेट की दुनिया में राज करना सिर्फ पोलार्ड जैसा क्रिकेटर ही कर सकता है।