दोस्तों आज हम बताने जा रहे है एक ऐसी लड़की के बारे में जिसे अनजान शख्स के प्यार का इनकार के बदले तेजाब जैसी असहनीय दर्द को झेलना पड़ा | इस एसिड अटैक ने उसकी आँखों की रोशनी छीन ली ,नौ महीने आई सी यू ,और चार सालो तक बीएड पर रही | फिर भी इस बदसूरत चहरे पर एक शख्स को प्यार आया और उसने न सिर्फ उसकी सेवा की बल्कि उसे चलना फिरना सिखाया और उसकी आँखों की रौशनी भी वापस लायी | तो पढ़िए रानी और सरोज की यह सच्ची और प्रेरणादायक कहानी ……………
रानी की शोख़ी और खिलखिलाहट से आस-पास का माहौल गूंज उठता था
ये कहानी है ओडिशा के जगतसिंहपुर की रानी का जिसका असली नाम प्रमोदिनी राउल है | उसे डांस करने का बेहद शौक था | 14-15 साल की रानी किसी आम किशोरी की तरह अपने सपनों की दुनिया में जी रही थी की अचानक एक घटना ने उनके जीवन को बर्बाद करके रख दिया | उनको एक अनजान शख्स ने प्यार का इजहार किया जिसे रनि९ ने इंकार कर दिया | उसके बाद उस शख्स ने रानी को परेशान करना शुरू किया | वो रानी के घर भी फोन करके परेशान करने लगा | रानी ने उस पर उतना ध्यान नहीं दिया उन्हें लगा की वो हारकर तंग करना बंद कर देगा |लेकिन ऐसा नहीं हुआ |
जिसे कभी भी सोचा नहीं था
और एक दिन कुछ ऐसा हुआ जिसे याद करके रानी आज भी सिहर उठती है | एक दिन रानी और उसका कजन भाई सायकिल पर बैठकर स्कूल से वापस आ रहे थे तभी पीछे से आकर उनपर तेजाब फेंक दिया गया |
रानी बताती है –
Table of Contents
पहले तो मुझे लगा की मुझ पर उबलता पानी फेंका गया है | मै जमीन पर गिर गयी ,तेजाब टपककर घास पर गिर रहा था और मैंने देखा की घास भी झुलसती जा रही है | मुझे भयंकर जलन हो रही थी और मेरे बालो से धुआं भी निकल रहा था |
रानी को हॉस्पिटल ले जाया गया जहाँ वो नौ महीने तक आई सी यू में रही | उस दौरान रानी ने जो तकलीफे सही उसे याद कर रानी आज भी कांप उठती है |
रानी बताती है –
”मुझे एक बड़े से बाथटब में बैठाया जाता था जो डेटॉल जैसी तीख़ी महक वाली तरल दवाइयों से भरा होता था. उसमें मेरी ड्रेसिंग होती थी यानी मेरी स्किन उधेड़ी जाती थी. मैं दर्द से बदहवास सी हो जाती थी|चार-पांच नर्सें मुझे पकड़कर रखती थीं और डॉक्टर मुझसे माफ़ी मांगते हुए ड्रेसिंग करते थे. वे कहते थे अगर अभी मैंने ये दर्द न झेला तो जी नहीं पाऊंगी ”
आँखों की रौशनी भी चली गयी
रानी का वजन 60 किलो से घटकर 28 किलो हो गया | उनकी आँखों की रौशनी भी चली गयी और वो सही से चल भी नहीं पा रही थी | नौ महीने बाद पैसे की कमी और दूसरी परेशानियों की वजह से रानी को घर वापस आना पड़ा | चार साल तक बिस्टर पर पड़े रहने के कारन रानी के घाव सड गए और उससे पास आने लगा | जब घर में रहना मुश्किल हो गया तो फिर वापस रानी को अस्पताल में भर्ती कराया गया | यहाँ उनकी दोस्ती कुछ नर्सो से हो गयी |
रानी के लिए छोड़ी नौकरी
लेकिन कहते है न की गम के बादल कभी न कभी छंटते जरुर है | रानी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ |एक दिन हॉस्पिटल की नर्स रानी से मिलवाने एक शख्स को ले आई जिसका नाम था -सरोज साहू | सरोज को रानी से कुछ ऐसी हमदर्दी हुई कि उन्होंने दो महीने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और रात-दिन उनकी देखभाल करने लगे |
रानी बताती हैं
”सरोज ने डॉक्टर से पूछा था कि मैं चलना कब शुरू करूंगी. डॉक्टरों का कहना था कि मैं एक साल से पहले संभव नहीं है | लेकिन सरोज ने खुद को चुनौती दी और कहा कि वो रानी को चार महीने में चलाकर दिखाएंगे. उनकी मेहनत रंग ला रही थी और दोस्ती भी |
सरोज ने कर दिखाया
चार महीने के अन्दर रानी बिना किसी सहारा के चलने फिरने लगी | सरोज ने रानी से अपने दिल की बात बताई नहीं थी पर अपने परिवार में बता दिया था जिसकी वजह से सरोज के परिवार में तनाव का माहौल था | रानी यह सब जानकर दुखी हुयी और फैसला किया की ठीक हिने के बाद ओडिशा छोड़ दूंगी |
रानी बताती है –
”जब मैं ओडिशा छोड़कर आ रही थी तब सरोज खूब रोए थे और मैं भी. हालांकि तब भी इन्होंने नहीं कहा कि ये मुझसे प्यार करते हैं.”
‘स्टॉप एसिड अटैक’ संस्था ने किया रानी से संपर्क
खुस्किस्मती से इस बीच ‘स्टॉप एसिड अटैक’ नाम की संस्था ने रानी से संपर्क किया | 2016 के अंत तक रानी आगरा आ चुकी थीं और शीरोज़ कैफ़े में काम कर रही थीं | आखिर 14 जनवरी को सरोज ने रानी को फ़ोन किया और अपने दिल की सारी बात बता दी |
रानी बताती हैं-
”उनकी बात सुनकर मैं रो पड़ी. मुझे यक़ीन नहीं हो रहा था कि कोई मुझसे प्यार कैसे कर सकता है. उन्हें मेरे तेज़ाब से झुलसे चेहरे से प्यार हो गया था | मैंने कहा था कि अगर मैं दोबारा देखने लगी तभी उनसे शादी करूंगी वरना नहीं. मैं नहीं जानती थी कि आगे क्या होगा लेकिन सरोज को भरोसा था कि मैं फिर देख सकूंगी”
आंख का हुआ सफल ऑपरेशन
जुलाई 2017 में रानी के आँखों का ऑपरेशन चेन्नई के एक अस्पताल में हुआ | ऑपरेशन सफल रहा और जहां रानी को कुछ धुंधली आकृतियां दिखाई देने लगी |उन्होंने बताया,”ऑपरेशन के बाद मैं पूरी तरह ख़ुश नहीं थी. मैंने सोचा था कि सबकुछ साफ दिखने लगेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. डॉक्टरों ने धीरे-धीरे सुधार होने का भरोसा दिलाया था लेकिन मुझे ज़्यादा उम्मीद नहीं थी.”
सब दिखने लगा साफ साफ
ऑपरेशन के बाद वापस आगरा जाने के लिए रानी और सरोज प्लेन में बैठे | फ़्लाइट ने अभी टेकऑफ़ नहीं किया था की अचानक रानी को रंग दिखाई देने लगे और नज़र भी धीरे-धीरे साफ होने लगी |
रानी चहकते हुए बताती हैं-
”मैं उत्साह में भरकर सरोज की तरफ़ घूमी, जो मेरे बगल में ही बैठे थे. मैंने देखा कि वो पहले ही मुझे देख रहे थे. मैं ख़ुशी से चिल्लाई और उनके गले लग गई | एकदम फ़िल्मों जैसा सीन था. लोग आकर हमसे गले मिल रहे थे और बधाई दे रहे थे…”
नए साल में करेंगे सगाई
फ़िलहाल रानी नोएडा में शीरोज़ के पुनर्वास केंद्र का काम संभाल रही हैं और सरोज ओडिशा में काम रहे हैं |अब उनके माता-पिता रानी को बहू बनाने के लिए तैयार हैं क्यूंकि अब उन्हें पता चल गया है की सरोज रानी के अलावा किसी और से शादी नहीं करेगा | सरोज और रानी दोनों नए साल में सगाई करने की सोच रहे हैं.
सरोज कहते हैं-
”मुझे रानी की आवाज़ बहुत पसंद है. वो किसी बच्ची जैसी मासूम है. मैं नहीं जानता कि मैं उससे इतना प्यार क्यों करता हूं.”
Note- Source & Image-BbcHindi
Humanity is bigger than anything in this universe. Although its the love that is unconditional. Great story BTW. Thanks for sharing ?
Welcome
Nice motivational love story
For latest status , inspiration quote , hindi shayari …. Without wasting more time visit shayarix.in