वेंकैया नायडू: RSS कार्यकर्ता से उप राष्ट्रपति उम्मीदवार तक का सफर
News State 5 Aug. 2017 08:31
उप राष्ट्रपति राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार वेंकैया नायडू होंगे या विपक्षी दलों के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी शनिवार शाम तक तय हो जाएगा।
हालांकि संख्याबल को देखते हुए वेंकैया नायडू की जीत तय मानी जा रही है। वह भैरों सिंह शेखावत के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की पृष्ठभूमि वाले दूसरे उप राष्ट्रपति होंगे।
नायडू का राजनीतिक सफर
आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में जन्में वेंकैया नायडू छात्र जीवन में 70 के दशक में आरएसएस से जुड़े। उनकी पहचान एक आंदोलनकारी छात्र के रूप में रही और उन्होंने 1972 में ‘जय आंध्र आंदोलन’ में भाग लिया। नायडू 1973 से 74 तक आंध्र प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष रहे।
उन्होंने 1975 में आपातकाल विरोध में हुए आंदोलन में भाग लिया और इसके लिए उन्हें जेल जाना पड़ा। नायडू लोकनायक जयप्रकाश नारायण की विचारधारा से काफी प्रभावित थे। आपातकाल के बाद नायडू 1977 से 1980 तक जनता पार्टी के युवा शाखा के अध्यक्ष रहे।
नायडू पहली बार 1978 में नेल्लोर विधानसभा क्षेत्र से चुनकर विधानसभा पहुंचे। वह दो बार विधायक रहे। उसके बाद नायडू 1985 से 1988 तक बीजेपी महासचिव रहे। नायडू पहली बार कर्नाटक से 1988 में राज्यसभा पहुंचे। उसके बाद 2004 और 2010 में राज्यसभा सदस्य बने।
वेंकैया नायडू 1988 से 1993 आंध्र प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष रहे। पार्टी में उनका कद बढ़ता गया और नायडू 2002 से 2004 तक उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का उतरदायित्व निभाया।
नायडू अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहे। उसके बाद 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार में शहरी विकास मंत्री बने। नायडू 2016 में सूचना प्रसारण मंत्री बने। उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री का भी कार्यभार संभाला।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) उम्मीदवार बनाये जाने के बाद उन्होंने 17 जुलाई को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
वर्तमान उप राष्ट्रपति व राज्यसभा सभापति हामिद अंसारी का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। वह 11 अगस्त 2007 से इस पद पर हैं। 11 अगस्त 2012 को वह दोबारा इस पद पर चुने गए थे।