भारतीय वायुसेना

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भारतीय वायुसेना की स्‍थापना आठ अक्‍टूबर 1932 को सिर्फ एक ऑक्‍सलरी फोर्स या अतिरिक्‍त सेना के तौर पर हुई थी। लेकिन आज यह दुनिया की ताकतवर सेनाओं का हिस्‍सा है।

दूसरे वर्ल्‍ड वॉर के समय दुनिया ने भारतीय वायुसेना की ताकत देखी थी। इसी वर्ष फरवरी में रिलीज हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक 1080 कॉम्‍बेट एयरक्राफ्ट्स के साथ भारतीय वायुसेना को चौथे नंबर पर रखा गया है। पाक की बात करें तो पाक नंबर सात पर आता है।

भारतीय वायुसेना (इंडियन एयरफोर्स) भारतीय सशस्त्र सेना का एक अंग है जो वायु युद्ध, वायु सुरक्षा, एवं वायु चौकसी का महत्वपूर्ण काम देश के लिए करती है। इसकी स्थापना ८ अक्टूबर १९३२ को की गयी थी। आजादी (१९५० में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने) से पूर्व इसे रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था और १९४५ के द्वितीय विश्वयुद्ध में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आजादी (१९५० में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने) के पश्च्यात इसमें से “रॉयल” शब्द हटाकर सिर्फ “इंडियन एयरफोर्स” कर दिया गया।

आज़ादी के बाद से ही भारतीय वायुसेना पडौसी मुल्क पाकिस्तान के साथ चार युद्धों व चीन के साथ एक युद्ध में अपना योगदान दे चुकी है। अब तक इसने कईं बड़े मिशनों को अंजाम दिया है जिनमें ऑपरेशन विजय – गोवा का अधिग्रहण, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस व ऑपरेशन पुमलाई शामिल है। ऐसें कई विवादों के अलावा भारतीय वायुसेना संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का भी सक्रिय हिसा रही है।

भारत के राष्ट्रपति भारतीय वायु सेना के कमांडर इन चीफ के रूप में कार्य करते है। वायु सेनाध्यक्ष, एयर चीफ मार्शल (ACM), एक चार सितारा कमांडर है और वायु सेना का नेतृत्व करते है। भारतीय वायु सेना में किसी भी समय एक से अधिक एयर चीफ मार्शल सेवा में कभी नहीं होते।

 

नभः स्पृशम् दीप्तम्

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