kavita
नर हो न निराश करो मन को मैथिलीशरण गुप्त
नर हो न निराश करो मन को मैथिलीशरण गुप्त (MAITHILI SHARAN GUPT) कुछ काम करो, कुछ काम करो जग ...
GULABI CHUDIYA-NAGARJUN
गुलाबी चूड़ियाँ नागार्जुन जब भी कभी नागार्जुन जी का नाम दिमाग में आया सबसे पहले गुलाबी चूड़ियाँ ही याद आई ...
नर हो न निराश करो मन को – मैथिलीशरण गुप्त
नर हो, न निराश करो मन को मैथिलीशरण गुप्त (MAITHILI SHARAN GUPT) कुछ काम करो, कुछ काम करो जग ...
KABHI YU BHI AA-BASHIR BADRA
कभी यूँ भी आ मेरी आँख में के मेरी नज़र को ख़बर न हो बशीर बद्र (BASHIR BADR) कभी यूँ ...
VEERO KA KAISA HO VASANT-SUBHADRA KUMARI CHAUHAN
वीरों का हो कैसा वसन्त सुभद्रा कुमारी चौहान (SUBHADRA KUMARI CHAUHAN) आ रही हिमालय से पुकार है उदधि गरजता बार ...
AA GAYE TUM – NIDHI SAXENA
आ गए तुम(कविता ) निधि सक्सेना आ गए तुम!! द्वार खुला है अंदर आ जाओ.. पर तनिक ठहरो ड्योढी पर ...
KABHI YUN MILE KOI -BASHIR BADR
कभी यूँ मिलें कोई मसलेहत, कोई ख़ौफ़ दिल में ज़रा न हो बशीर बद्र (BASHIR BADR ) कभी यूँ मिलें कोई ...
ADARSH PREM -HARIVANSH RAI BACHCHAN
आदर्श प्रेम / हरिवंशराय बच्चन प्यार किसी को करना लेकिन कह कर उसे बताना क्या अपने को अर्पण करना पर ...
SHAKTI AUR KSHAMA -RAMDHARI SINGH DINAKAR
शक्ति और क्षमा (कविता ) रामधारी सिंह “दिनकर” क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल सबका लिया सहारा पर नर व्याघ्र सुयोधन ...
HINDU YA MUSLIM KE AHSAS KO MAT CHHEDIYE ADAM GONDVI
हिन्दू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िये – अदम गोंडवी हिन्दू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िये अपनी कुरसी ...