HINDI

वह कहता था, वह सुनती थी – शरद कोकास

Amit Kumar Sachin

वह कहता था, वह सुनती थी शरद कोकास   वह कहता था, वह सुनती थी, जारी था एक खेल कहने-सुनने ...

क्या हूँ मैं तुम्हारे लिए -निर्मला पुतुल

Amit Kumar Sachin

क्या हूँ मैं तुम्हारे लिए – हिंदी कविता  निर्मला पुतुल  क्या हूँ मैं तुम्हारे लिए…? एक तकिया कि कहीं से ...

हम सब सुमन एक उपवन के – द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

Amit Kumar Sachin

हम सब सुमन एक उपवन के – हिंदी कविता  द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी   हम सब सुमन एक उपवन के एक ...

पुनः नया निर्माण करो- द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

Amit Kumar Sachin

पुनः नया निर्माण करो – हिंदी कविता द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी   उठो धरा के अमर सपूतो पुनः नया निर्माण करो। ...

मूलमंत्र कविता – द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

Amit Kumar Sachin

मूलमंत्र – कविता   द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी केवल मन के चाहे से ही मनचाही होती नहीं किसी की। बिना चले कब ...

आदमी की सबसे अच्छी नस्ल युद्धों में नष्ट हो गई

Amit Kumar Sachin

आदमी की सबसे अच्छी नस्ल युद्धों में नष्ट हो गई हिंदी कविता – सुदामा पाण्डेय “धूमिल “   बुद्ध की ...

किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाये-निदा फ़ाज़ली

Amit Kumar Sachin

किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाये-निदा फ़ाज़ली अपना ग़म लेके कहीं और न जाया जाये घर में बिखरी हुई ...

दिल मिले या न मिले हाथ मिलाए रहिए – निदा फ़ाज़ली

Amit Kumar Sachin

दिल मिले या न मिले हाथ मिलाए रहिए – निदा फ़ाज़ली   बात कम कीजे ज़ेहानत को छुपाए रहिए अजनबी ...

फ़र्ज़ करो / इब्ने इंशा

Amit Kumar Sachin

फ़र्ज़ करो  इब्ने इंशा   फ़र्ज़ करो हम अहले वफ़ा हों, फ़र्ज़ करो दीवाने हों फ़र्ज़ करो ये दोनों बातें ...

इक बार कहो तुम मेरी हो – इब्ने इंशा

Amit Kumar Sachin

इक बार कहो तुम मेरी हो इब्ने इंशा   हम घूम चुके बस्ती-बन में इक आस का फाँस लिए मन ...

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