hindi kavita

अफ़सोस नहीं इसका हमको – गोपाल सिंह नेपाली

Amit Kumar Sachin

अफ़सोस नहीं इसका हमको गोपाल सिंह नेपाली   अफ़सोस नहीं इसका हमको, जीवन में हम कुछ कर न सके, झोलियाँ ...

तू किसी रेल-सी गुज़रती है -दुष्यंत कुमार

Amit Kumar Sachin

तू किसी रेल-सी गुज़रती है दुष्यंत कुमार मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूँ वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूँ एक जंगल है तेरी ...

वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है

Amit Kumar Sachin

वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है अदम गोंडवी   वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों ...

घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है।

Amit Kumar Sachin

घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है अदम गोंडवी   घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली ...

तुम कितनी सुन्दर लगती हो

Amit Kumar Sachin

तुम कितनी सुन्दर लगती हो धर्मवीर भारती तुम कितनी सुन्दर लगती हो जब तुम हो जाती हो उदास! ज्यों किसी ...

वह कहता था, वह सुनती थी – शरद कोकास

Amit Kumar Sachin

वह कहता था, वह सुनती थी शरद कोकास   वह कहता था, वह सुनती थी, जारी था एक खेल कहने-सुनने ...

क्या हूँ मैं तुम्हारे लिए -निर्मला पुतुल

Amit Kumar Sachin

क्या हूँ मैं तुम्हारे लिए – हिंदी कविता  निर्मला पुतुल  क्या हूँ मैं तुम्हारे लिए…? एक तकिया कि कहीं से ...

हम सब सुमन एक उपवन के – द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

Amit Kumar Sachin

हम सब सुमन एक उपवन के – हिंदी कविता  द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी   हम सब सुमन एक उपवन के एक ...

पुनः नया निर्माण करो- द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

Amit Kumar Sachin

पुनः नया निर्माण करो – हिंदी कविता द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी   उठो धरा के अमर सपूतो पुनः नया निर्माण करो। ...

मूलमंत्र कविता – द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

Amit Kumar Sachin

मूलमंत्र – कविता   द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी केवल मन के चाहे से ही मनचाही होती नहीं किसी की। बिना चले कब ...

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