Dushyant kumar
तू किसी रेल-सी गुज़रती है -दुष्यंत कुमार
Amit Kumar Sachin
तू किसी रेल-सी गुज़रती है दुष्यंत कुमार मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूँ वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूँ एक जंगल है तेरी ...
तू किसी रेल-सी गुज़रती है दुष्यंत कुमार मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूँ वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूँ एक जंगल है तेरी ...