कविता

नर हो न निराश करो मन को मैथिलीशरण गुप्त

Amit Kumar Sachin

नर हो न निराश करो मन को मैथिलीशरण गुप्त (MAITHILI SHARAN GUPT)   कुछ काम करो, कुछ काम करो जग ...

GULABI CHUDIYA-NAGARJUN

Amit Kumar Sachin

गुलाबी चूड़ियाँ नागार्जुन जब भी कभी नागार्जुन जी का नाम दिमाग में आया सबसे पहले गुलाबी चूड़ियाँ ही याद आई ...

नर हो न निराश करो मन को – मैथिलीशरण गुप्त

Amit Kumar Sachin

नर हो, न निराश करो मन को  मैथिलीशरण गुप्त (MAITHILI SHARAN GUPT)   कुछ काम करो, कुछ काम करो जग ...

KABHI YU BHI AA-BASHIR BADRA

Amit Kumar Sachin

कभी यूँ भी आ मेरी आँख में के मेरी नज़र को ख़बर न हो बशीर बद्र (BASHIR BADR) कभी यूँ ...

VEERO KA KAISA HO VASANT-SUBHADRA KUMARI CHAUHAN

Amit Kumar Sachin

वीरों का हो कैसा वसन्त सुभद्रा कुमारी चौहान (SUBHADRA KUMARI CHAUHAN) आ रही हिमालय से पुकार है उदधि गरजता बार ...

AA GAYE TUM – NIDHI SAXENA

Amit Kumar Sachin

आ गए तुम(कविता ) निधि सक्सेना आ गए तुम!! द्वार खुला है अंदर आ जाओ.. पर तनिक ठहरो ड्योढी पर ...

KABHI YUN MILE KOI -BASHIR BADR

Amit Kumar Sachin

कभी यूँ मिलें कोई मसलेहत, कोई ख़ौफ़ दिल में ज़रा न हो   बशीर बद्र (BASHIR BADR ) कभी यूँ मिलें कोई ...

ADARSH PREM -HARIVANSH RAI BACHCHAN

Amit Kumar Sachin

आदर्श प्रेम / हरिवंशराय बच्चन प्यार किसी को करना लेकिन कह कर उसे बताना क्या अपने को अर्पण करना पर ...

SHAKTI AUR KSHAMA -RAMDHARI SINGH DINAKAR

Amit Kumar Sachin

शक्ति और क्षमा (कविता )  रामधारी सिंह “दिनकर” क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल सबका लिया सहारा पर नर व्याघ्र सुयोधन ...

यह कदम्ब का पेड़ -सुभद्राकुमारी चौहान

Amit Kumar Sachin

यह कदम्ब का पेड़ रचनाकार: सुभद्राकुमारी चौहान यह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे। मैं भी उस पर ...

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