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व्यंग्य मत बोलो – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
व्यंग्य मत बोलो – हिंदी कविता सर्वेश्वर दयाल सक्सेना व्यंग्य मत बोलो। काटता है जूता तो क्या हुआ पैर ...
वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!
वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो! द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी हाथ में ध्वजा रहे बाल दल सजा रहे ...
अफ़सोस नहीं इसका हमको – गोपाल सिंह नेपाली
अफ़सोस नहीं इसका हमको गोपाल सिंह नेपाली अफ़सोस नहीं इसका हमको, जीवन में हम कुछ कर न सके, झोलियाँ ...
तू किसी रेल-सी गुज़रती है -दुष्यंत कुमार
तू किसी रेल-सी गुज़रती है दुष्यंत कुमार मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूँ वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूँ एक जंगल है तेरी ...
वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है
वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है अदम गोंडवी वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों ...
घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है।
घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है अदम गोंडवी घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली ...
तुम कितनी सुन्दर लगती हो
तुम कितनी सुन्दर लगती हो धर्मवीर भारती तुम कितनी सुन्दर लगती हो जब तुम हो जाती हो उदास! ज्यों किसी ...
वह कहता था, वह सुनती थी – शरद कोकास
वह कहता था, वह सुनती थी शरद कोकास वह कहता था, वह सुनती थी, जारी था एक खेल कहने-सुनने ...
क्या हूँ मैं तुम्हारे लिए -निर्मला पुतुल
क्या हूँ मैं तुम्हारे लिए – हिंदी कविता निर्मला पुतुल क्या हूँ मैं तुम्हारे लिए…? एक तकिया कि कहीं से ...
हम सब सुमन एक उपवन के – द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
हम सब सुमन एक उपवन के – हिंदी कविता द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी हम सब सुमन एक उपवन के एक ...