सोने के खरउआ राजा रामचन्द्र खुटुर-खुटुर चले नु ए

Amit Kumar Sachin

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सोने के खरउआ राजा रामचन्द्र खुटुर-खुटुर चले नु ए

 

सोने के खरउआ राजा रामचन्द्र खुटुर-खुटुर चले नु ए।
चली गइले आमा के बोलावे-

चलहु ए आमा चलहु मोरा अंगना चलहु ए,
मोर धनि बेदने-बेआकुल झँझिरिया धइले लोटेली हे।

नाहीं जाइब ए बबुआ नाहीं जाइब, तहरा अँगनवाँ नाहीं जाइब हे,
तहरा धनि बोलेली बिरहिया, सहल नाहीं जाला नु ए।

चलहु ए मामी चलहु, मोरे अंगना चलहु हे
मोर धनि बेदने-बेआकुल झंझरिया धरी लोटेली हे।

नाहीं जाइब ए बबुआ नाहीं जाइब, तोर धनि बोलेली
बिरही कड़कवा, मोरे हिया लागेला हे।

महतारी, भाभी के बाद बहिन के पास गए और फिर अन्त में –

लोटहु ए धनि लोटहु झंझरिया धरी लोटहु ए।
आमा के बोलेलू बिरहिया सहल नाहीं जाला नु ए।
बहिन , भाभी… के बोलेलू बिरहिया सहल नाहीं जाला नु ए।

नउजी अइहें सासु, नउजी अइहें ननदो, नउजी अइहें गोतिन, नउजी अइहें हो   (नउजी=चाहे न)प्रभुजी ओढ़ि लेब ललका रजइया सउरिया हमी लिपबऽ नु ए। (ललका रजइया=कफन)

घरी रात बितले पहर रात, अउरी छने रात हे
ललना अधेराती होरिला जनमले, महलिया उठे सोहर ए
मोरा पिछुअरवा बजनिया भैया, भैया धीरे-धीरे बजवा बजइह,
ननदवा जनि जानस हे।

ललना सुनि लहली लउरी ननदिया, बेसरिया हम बधइया लेब हे, (लउरी=छोटी)
सभवा बइठल बाबा बानी, सरब गुन आगर बानी हे, (बेसरिया=नकबेसर, नाक का एक आभूषण)
भउजो के भइले नन्दलाल, बेसरिया हम बधइया लेब हे।

उहवाँ से बाबा उठि आवे ले, अंगना में ठारा भइले हे
बबुआ देइ घालऽ नाक के बेसरिया दुलारी धिअवा पाहुन हे। (फुफुतिया=फांड)
नाक में से कढ़ली बेसरिया फुफुतिया में चोरावेली हे
इहे बेसरिया हमके बाबा दहले, बधइया तोहके नाहीं देब हे।

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