जानिए ट्रेन के मिडिल बर्थ से जुडी रेलवे के नियम के बारे में

Amit Kumar Sachin

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रेल यात्रा सबसे सस्ता और आरामदायक यात्रा माना जाता है . बहुत सारे लोग टिकट कटाने के वक्त ही अपना बर्थ सेलेक्ट कर लेते है . क्यूंकि बहुत सारे लोग ट्रेन में सफ़र के दौरान सामान एडजस्ट करने और सोने के दौरान होने वाली बहस से बचना चाहते है. लेकिन कई बार हमें मनचाहा बर्थ नहीं मिल पता है और हमें यात्रा के दौरान कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है . रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए कई नियम बनाये है . लेकिन बहुत सारे लोगों को इन नियमों की जानकारी नहीं है . ऊपर के बर्थ वाला यात्रि जब चाहे अपने बर्थ पर जाकर सो सकता है लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत लोअर और मिडिल बर्थ वाले को होती है . लोअर बर्थ वाले मुसाफिर अक्सर देर रात तक बैठे रहते हैं जिसके कारण मिडिल बर्थ वाले को सोने में परेशानी होती है . ऐसे में काम आते हैं रेलवे के नियम, मिडिल बर्थ को लेकर रेलवे के निमय अलग हैं. ये नियम बड़े काम के होते हैं.इन नियमों की जानकारी होना और उन्हें फोलो करना दोनों ही जरूरी है. इनकी जानकारी न होने पर अक्सर यात्री धोखा खाते हैं. 

मिडिल बर्थ के लिए सोने का नियम

रेलवे में मिडिल बर्थ पर सोने के लिए अलग नियम है . बहुत बार हम देखते है की मिडिल बर्थ पर सोने वाले यात्री, ट्रेन शुरू होते ही खोल कर सोने लगता है . इससे लोअर बर्थ वाले यात्री को भी मजबूरी में सोना पड़ता है. लोगो के बिच सोने को लेकर झगडा न हो इसलिए रेलवे ने कुछ नियम बनाये है, जिसकी जानकारी हम सभी को होनी बहुत जरुरी है .रेलवे के नियम के मुताबिक, मिडिल बर्थ पर सोने वाला यात्री अपनी बर्थ पर 10 बजे रात से सुबह 6 बजे तक ही सो सकता है. रात 10 से पहले अगर कोई यात्री मिडिल बर्थ खोलने से रोकना चाहे तो रोका जा सकता है. वहीं, सुबह 6 बजे के बाद बर्थ को नीचे करना होगा, ताकि अन्य यात्री लोअर बर्थ पर बैठ सकें.

दो स्टॉप का नियम

बहुत बार ऐसा होता है की हम जिस स्टेशन से चढने का टिकट लेते है उस स्टेशन पर न चढ़कर उसके अगले स्टेशन पर चढ़ पाते है . लेकिन ऐसा नहीं है की टीटीई आपका टिकट तुरंत ही किसी और को अलॉट कर देगा . रेलवे के नियम के अनुसार अगर आपकी ट्रेन किसी करणवश छुट जाती है तो टीटीई अगले दो स्टॉप या अगले एक घंटे तक (दोनों में जो पहले हो) आपकी सीट किसी और यात्री को अलॉट नहीं कर सकता है. यानि आप अगले  दो स्टॉप(एक घंटे के अन्दर ) में से किसी से आप अपनी  ट्रेन पकड़ सकते हैं . तीन स्टॉप गुजर जाने के बाद टीटीई के पास अधिकार होता है कि वह आरएसी लिस्ट में अगले व्यक्ति को सीट अलॉट कर दे. आप चाहे तो अपना बोर्डिंग स्टेशन IRCTC की वेबसाइट पर लॉग इन करके भी चेंज कर सकते है .

यात्रा को आगे बढ़ाना

अक्सर पर्व या त्यौहार के समय हम जिस स्टेशन तक जाना चाहते है उस स्टेशन तक की टिकट हमें नहीं मिल पाती है . उस स्थिति में हम कुछ स्टेशन पहले तक का टिकट ले लेते है . इस स्थिति में निर्धारित स्टेशन पर पहुंचने से पहले टीटीई को सूचित करके आप अपनी यात्रा को बढ़ा सकते हैं. टीटीई आपसे अतिरिक्त किराया वसूलेगा और आगे की यात्रा के लिए टिकट बना देगा. आपको अलग बर्थ मुहैया कराया जा सकता है. अगर खाली बर्थ नहीं मिला तो आपको बाकी यात्रा चेयर कार में करनी होगी.

रात 10 बजे के बाद TTE नहीं कर सकता टिकट चेक

लम्बी यात्रा के दौरान अक्सर यात्री 10 बजे खाना खाकर सोने लगते है और कई बार ट्रैवल टिकट एग्जामिनर (TTE) आकर उनका टिकट मांगता है जिससे यात्रियों की नींद ख़राब हो जाती है . इससे बहुत सारे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है . इन परेशानियों से बचने के लिए भी रेलवे द्वारा नियम बनाये गए है . रात 10 बजे के बाद TTE  आपको डिस्टर्ब नहीं कर सकता है. टीटीई को सुबह 6 से रात 10 बजे के बीच ही टिकटों का वेरिफिकेशन करना जरूरी है. रात में सोने के बाद किसी भी पैसेंजर को डिस्टर्ब नहीं किया जा सकता. यह गाइडलाइन रेलवे बोर्ड की है. हालांकि, रात को 10 बजे के बाद यात्रा शुरू करने वाले यात्रियों पर यह नियम लागू नहीं होता है .

 

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