मुंबई की मूक-बधिर लड़की का काम विदेशों में छाया

Amit Kumar Sachin

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अमेरिका तक से आते है  अमी द्वारा  तैयार किये कपड़ो के आर्डर

 
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कपड़ों पर कढ़ाई करती अमी
 
बुलंद हौसले हो तो कोई भी शारीरिक कमी आपको कामयाब होने से नहीं रोक सकती है | इस कथन को अक्षरशः सही साबित कर के दिखाई है मुंबई की एक लड़की ने . ये कहानी है मुंबई की अमी की, जो जन्म से ही सुन और बोल नहीं सकतीं | लेकिन ये शारीरिक कमी भी उनकी मंजिल को नहीं रोक पाई और आज अमी न सिर्फ अपने पैरो पर कड़ी है कढाई बुनाई का एक सफल कारोबार करती है | उनके तैयार किये कपड़ो के आर्डर अमेरिका तक से आते है तो चलिए जानते है उनका सफ़र 

 
इलाज की पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण पैदा हुयी दिव्यांग 
अमी की माँ लता खारा बताती है – प्रेग्नेंसी के  तीसरे महीने में मुझे खसरे की समस्या हुई, उस समय हम ओडिशा में रहते थे. वहां इलाज की पर्याप्त सुविधाएं नहीं थी.जिसके कारण जब मेरी बेटी ने जन्म लिया तो वह सुन और बोल नहीं पा रही थी.”

अपनी ‘क्लास की जान’ थी अमी

अमी के स्कूल के दिनों को याद करते हुए उनकी मां लता ने बीबीसी को बताया, ” शुरुआत में अमी का दाखिला दिव्यांग स्कूल में करवाया गया, लेकिन उनकी प्रतिभा और कौशल को देखते हुए, जल्दी ही अमी सामान्य स्कूल में जाने लगीं.अमी बचपन से ही सबका ख्याल रखने वाली लड़की थी.  खुद शारीरिक कमजोरियों से जूझने के बावजूद वह अपने साथी बच्चों के साथ मिल-जुल कर रहती थी. उनके स्कूल के टीचर उन्हें ‘क्लास की जान’ कहा करते थे ”

ज़िंदगी की तमाम मुश्किलों से लड़ने के बाद भी हुयी  अपने पैरों पर खड़ा 

स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद अमी की ज़िंदगी में एक ऐसा  बुरा दौर भी आया, जब वे डिप्रेशन में चली गई थी. उस मुश्किल वक्त में    उनकी माँ ने उनका साथ दिया और उन्हें दोबारा  खड़े होकर लड़ने की हिम्मत दी. इसके बाद अमी ने दो साल का टेक्सटाइल का कोर्स किया,और  साथ  ही  ब्यूटीशियन का कोर्स भी किया.
धीरे-धीरे अमी ने अपने घर में कढ़ाई-बुनाई का काम शुरू कर दिया. उनके इस काम में पूरे परिवार ने उनका साथ दिया.

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अपनी मां लता खारा के साथ अमी
लोगो को उनका काम  आया   पसंद 
मुंबई के अंधेरी वेस्ट में रहनी वाली अमी को शुरुआत में आस-पास के लोगों के ऑर्डर  ही आते थे लेकिन  धीरे-धीरे लोग  उनके काम  को   पसंद करने लगे  फिर मुंबई समेत दूसरे राज्यों से भी लोगों ने उनकी कढ़ाई किए कपड़े ऑर्डर पर मंगवाने शुरू कर दिए.

विदेशो में भी उनके बनाये सामानों की हुयी तारीफ 
अमी की बहन रिद्दी अमरीका में रहती हैं. जब वे अमी के बनाए कुछ सामान को अपने साथ कैलिफोर्नियां लेकर गईं तो वहां भी लोगों ने अमी के बनाये सामान को  बहुत पसंद किया .अब  उन्हें इरवाइन और सैन डिएगो से भी कई ऑर्डर मिलने लगे हैं.

लोगों की डिमांड बढ़ने लगी

अमी कपड़ों पर कढ़ाई के अलावा खूबसूरत क्लिप और हेयर बैंड भी डिजाइन करती हैं. उनके ग्राहकों में हेयरबैंड की डिमांड बहुत ज़्यादा है. अमरीका से उन्हें सबसे ज़्यादा इन हेयरबैंड के ऑर्डर मिलते हैं. अमी की माँ बताती  हैं कि उन्हें रोजाना कई ऑर्डर की डिमांड आती है. लेकिन अभी अमी यह काम अकेले ही देख रही हैं, इसलिए महीने में कपड़ों पर कढ़ाई करने के 8-10 ऑर्डर ही ले पाती हैं. हर ऑर्डर की कीमत सामान पर निर्भर करती है, वह 2000-5000 रुपये प्रति ऑर्डर तक चार्ज करती हैं.

खुद का ट्रेनिंग स्कूल खोलने का इरादा

लगातार बढ़ती मांग के बाद अमी ने खुद का ट्रेनिंग स्कूल खोलने का इरादा किया है. इसके लिए उन्होंने नई मशीनें और जगह का चुनाव कर लिया है. वे बच्चों को कढ़ाई का काम सिखाना चाहती हैं साथ ही इसके जरिए वे ऑर्डर की बढ़ती डिमांड को भी जल्दी पूरा करने की कोशिश कर रही हैं.

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