जानिए LADY KHALI के नाम से मशहूर भारत की पहली WWE रेसलर कविता देवी के बारे में

Amit Kumar Sachin

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KAVITA DEVI BIOGRAPHY IN HINDI 

आज हम बात कर रहे है लेडी खली के नाम से मशहूर और डब्ल्यूडब्ल्यूई तक पहुंचने वाली देश की पहली महिला पहलवान कविता देवी के बारे में | कविता रिंग में इतनी फुर्तीली हैं कि एक शेरनी की तरह विपक्षी खिलाड़ी पर टूटती हैं। वह मिनटों में ही फाइट जीतकर बाहर आ जाती हैं।लेकिन यहाँ तक का उनका सफ़र आसन नहीं था | जानिए की एक गाँव की लड़की से WWE का सफ़र ……
KAVITA DEVI BIOGRAPHY IN HINDI 
कविता हरियाणा के एक ऐसे गांव में पली-बढ़ीं, जहां बेटियों को बेटों से कमतर आंका जाता था। यह कहानी है जींद जिले के माल्वी गांव की। एक ऐसा इलाका, जहां लड़कियों की दुनिया मायके के आंगन से ससुराल की दहलीज तक सीमित थी। जो माता-पिता अपनी बेटी को स्कूल भेजते भी थे, उनका एक ही मकसद होता था कि लड़की मात्र इतना पढ़-लिख जाए कि जरूरत पड़ने पर घरवालों को खत लिख सके।

परिवार ने किया सपोर्ट 

गांव के स्कूल में लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या बहुत कम थी। मगर कविता के परिवार ने हमेशा उन्हें पढ़ने-लिखने के लिए प्रेरित किया। खासकर बड़े भाई संदीप ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया। जहां 10वीं पास करने के बाद उनकी ज्यादातर सहेलियों ने पढ़ाई छोड़ दी, कविता ने गांव के स्कूल से 12वीं पास की और फिर बीए।

वेटलिफ्टिंग में अजमाया हाथ 

 इस दौरान उनकी खेल में रुचि बढ़ने लगी। उन्हें वेटलिफ्टिंग पसंद था। पापा और भाई को तो उनके खेल से दिक्कत नहीं थी, मगर गांव वालों को यह पसंद नहीं था। उन्हें लगता था कि कविता की वजह से गांव की बाकी लड़कियां भी बिगड़ जाएंगी। वे लगातार उनके पापा पर दबाव बनाते कि कविता को खेल से रोको। याद दिलाते कि अब उनकी बेटी बड़ी हो गई है और उसकी शादी कर देनी चाहिए।
KAVITA DEVI (FIRST WWE INDIAN WOMAN WRESTLER
 
 कविता बताती हैं-
 गांव वालों ने कई बार मेरे पापा से कहा कि छोरी का ब्याह कर दो, नहीं तो बिगड़ जाएगी। लेकिन पापा ने ध्यान नहीं दिया। जब भी मैं गांव से बाहर जाती, तो भाई मेरे साथ होता, ताकि किसी गांव वाले की हिम्मत न पड़े मुझ पर कमेंट करने की।परिवार ने तय किया कि बेटी को वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग दिलाई जाए, ताकि वह एक प्रोफेशनल खिलाड़ी बन सके।

2007 में वह नेशनल चैंपियन बनीं

 साल 2002 में कविता ने फरीदाबाद स्थित एकेडमी में वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग शुरू की। बाद में एडवांस ट्रेनिंग के लिए लखनऊ गईं। उन्होंने खेल करियर की शुरुआत पावरलिफ्टिंग से की। कड़ी मेहनत व अनुशासित जीवन-शैली का नतीजा सामने था। साल 2007 में वह नेशनल चैंपियन बनीं।

एशियन गेम्स में  जीता गोल्ड मेडल

2016 में तो उन्हें साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड मिला। खेल कोटे से सीमा सुरक्षा बल में कांस्टेबल की नौकरी मिली और फिर प्रमोशन के बाद सब इंस्पेक्टर बन गईं। खेल की वजह से अक्सर बाहर जाना पड़ता था, जिस कारण ड्यूटी पर जाना मुश्किल हो रहा था, इसलिए 2010 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी।

द ग्रेट खली के प्रदर्शन से डब्ल्यूडब्ल्यूई के प्रति उनकी दिलचस्पी बढ़ी 

उन दिनों पूरे देश में दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली के वर्ल्ड चैंपियन बनने की खूब चर्चा हो रही थी। कविता टीवी पर उनके शो देखने लगीं। डब्ल्यूडब्ल्यूई के प्रति उनकी दिलचस्पी बढ़ने लगी।
KAVITA DEVI BIOGRAPHY IN HINDI
कविता बताती हैं-
 मैं द ग्रेट खली की बड़ी फैन हूं। पहली बार उन्हें रिंग में देखा, तो लगा कि काश मुङो उनकी तरह भारी भीड़ के बीच वर्ल्ड चैंपियन का खिताब मिलता। लेकिन वह तो बस सपना था। कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मैं भी डब्ल्यूडब्ल्यूई में भाग लूंगी।

खली  की  एकेडमी में ली ट्रेनिंग

 उन्होंने खली से संपर्क किया और उनकी एकेडमी में ट्रेनिंग लेने लगीं। वहां उन्हें कई विदेशी ट्रेनर की देखरेख में सीखने का मौका मिला। एकेडमी द्वारा आयोजित तमाम मुकाबलों में उनका प्रदर्शन शानदार रहा।
कविता कहती हैं-
 जब मैंने डब्ल्यूडब्ल्यूई में जाने का फैसला किया, तो कई लोगों ने कहा कि यह लड़की बेवकूफी कर रही है, लेकिन परिवार ने सही फैसला लेने में मेरी मदद की। कविता डब्ल्यूडब्ल्यूई में हिस्सा लेने वाली भारत की पहली महिला पहलवान हैं। 

 सलवार-कमीज पहन रिंग में उतरी 

हाल ही में डब्ल्यूडब्ल्यूई की ओर से सिर्फ महिला पहलवानों के लिए टूर्नामेंट आयोजित किया गया। कविता जब इस मुकाबले में न्यूजीलैंड की महिला पहलवान के खिलाफ रिंग में उतरीं, तो सब उन्हें देखते रह गए। लोगों ने पहली बार किसी महिला पहलवान को सलवार-कमीज में देखा था। दरअसल, डब्ल्यूडब्ल्यूई के मैच अपने बोल्ड पश्चिमी पहनावे के लिए भी लोकप्रिय रहे हैं। लेकिन कविता ने पश्चिमी पहनावे की जगह अपने देश की परंपरागत पोशाक सलवार-कमीज पहनने का फैसला किया।

खेलने के अंदाज से  खेलप्रेमियों के दिल में बनायीं जगह 

रोमांचक मुकाबले में उन्होंने बड़े शानदार ढंग से अपनी प्रतिद्वंद्वी को कई बार पटखनी दी। हालांकि वह फाइनल मुकाबला हार गईं, लेकिन उनका अंदाज खेलप्रेमियों के दिल को छू गया। सब तरफ उनके शालीन पहनावे और दमदार प्रदर्शन की चर्चा होने लगी।
कविता कहती हैं-
डब्ल्यूडब्ल्यूई को शो-मैनशिप कहते हैं लोग। मैं इस खेल की तकनीकी बारीकियों को जानती हूं। मैं बाकी महिला रेसलर की तरह ग्लैमरस नहीं हूं, लेकिन मैं मानती हूं कि सलवार-कमीज मेरी अपनी स्टाइल है। इसमें शरमाने जैसी कोई बात नहीं। इसे लेकर मैं बहुत खुश हूं।

वल्र्ड चैंपियन बनना है अगला लक्ष्य 

 कविता का अगला लक्ष्य डब्ल्यूडब्ल्यूई महिला मुकाबले में वल्र्ड चैंपियन बनना है और इसकी तैयारी में वह शिद्दत से जुटी हुई हैं। कविता ने वॉलीबॉल खिलाड़ी गौरव तोमर से शादी की है और अब वह पांच साल के बेटे की मां भी हैं। लेकिन शादी के बाद भी उनकी दिनचर्या में फर्क नहीं आया है। आज भी वह सुबह दौड़ लगाती हैं, व्यायाम करती हैं और घंटों अभ्यास करती हैं।
 कविता कहती हैं- शादी के बाद पति ने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया। हर लड़की को शादी के बाद अपना करियर बनाने व तरक्की पाने की आजादी मिलनी चाहिए

 द ग्रेट खली की चेली बुलबुल को रिंग में बुरी तरह धोया था

पंजाब के जालंधर में यह फाइट हुई थी। कविता दलाल अपने बेटे के साथ मुकाबला देखने गई थी। रिंग में पहलवान बुलबुल थी और उन्होंने दर्शकों को मुकाबला करने के ​लिए खुला चैलेंज दिया। उनके इस चैलेंज को कविता दलाल ने स्वीकार किया और वे सलवार सूट पहने ही रिंग में आ गई।रिंग में आकर कविता ने भी बुलबुल को चैलेंज कर दिया। चुनौती मिलते ही बुलबुल को गुस्सा आ गया और वे कविता पर टूट पड़ी। उसके बाद कविता दलाल ने बुलबुल की वो पिटाई की कि बीच बचाव करके मुकाबला खत्म कराना पड़ा।

वहीं बुलबुल ने बदला लेने की ठान ली और उन्हें यह मौका भी मिला। मुकाबला, जालंधर में स्थित खली की अकादमी कॉन्टिनेंटल रेसलिंग एंटरटेनमेंट में हुआ। यहां उनकी शिष्या बीबी बुलबुल ने सलवार सूट पहन कर लड़ने वाली पहलवान को पूरी तरह से चित्त कर दिया।लेडी रेसलर बीबी बुलबुल ने सूट सलवार वाली हरियाणवी खिलाड़ी कविता को रिंग में ओपन चैलेंज दिया था, जिसे कविता ने कबूल कर लिया था। बीबी बुलबुल को अपने साथी द ग्रेट खालसा के साथ टैग टीम मैच में हरियाणा की पहलवान कविता और साहिल से मुकाबला करना था।मैच शुरू न होने के बाद बुलबुल को किसी और के साथ मुकाबला करना पड़ा। वे अभी लड़ ही रहीं थी कि अचानक कविता वहां हा गईं।

 कविता ने उन्हें कुछ कहा और इस पर बुलबुल को गुस्सा आ गया। उन्होंने आव देखा न ताव वो सीधा रिंग से उतरकर ऑडियंस के बीच में पहुंच गईं।बीबी बुलबुल ने ऑडियंस के बीच में पहुंचकर कविता पर तेज हमले किए जिस कारण वो संभल नहीं सकी। बुलबुल को इतना गुस्सा था कि वो रुक ही नहीं रहीं थी। बुलबुल ने जब कविता पर हमला किया वो तालियां बजाने में मग्न थीं उन्हें पता ही नहीं चला कब बुलबुल वहां आ गईं।बुलबुल को चैलेंज का इतना गुस्सा था कि वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहीं थीं। ऑडियंस के बीच पहुंचने के बाद बुलबुल के मुक्के और लातें रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। इसी बीच बुलबुल ने कविता का सिर कई बार वहां पर लगी ग्रिल पर दे मारा।बीबी बुलबुल ने कविता को दीवार पर मारा और रिंग में ले गईं। रिंग में ले जाते समय जो भी उनके बीच में आया उन्होंने उसे भी नहीं छोड़ा। लग रहा था कि वो कविता को नहीं छोड़ेंगी। रिंग के बाहर दो और बार ग्रिल पर पटकने के बाद बुलबुल ने कविता को रिंग के अंदर धकेल दिया।रिंग में आने के बाद भी कविता पर बुलबुल पूरी तरह से हावी थीं और रुकने का नाम नहीं ले रहीं थी।
 कविता को एक मौके की तलाश थी जो बुलबुल ने उन्हें दे दिया। बुलबुल की नजर हटी और कविता ने उन पर हमला कर दिया।रेसलर कविता भी लगातार बुलबुल पर हमले करने लगीं और तभी बुलबुल के टैग टीम पार्टनर द ग्रेट खालसा अपने साथियों के साथ पहुंच गए और दोनों को अलग कर दिया। खालसा अपनी साथ बुलबुल को लेकर चलते बने जबकि अन्य खिलाड़ियों ने कविता को रिंग में ही रोके रखा।इस मुकाबले के बाद कविता दलाल छा गईं और खली ने उन्हें अपना स्टूडेंट बना लिया। खली ने उन्हें wwe के लिए तैयार किया और कविता इसमें सिलेक्ट भी हो चुकी हैं। कविता देश में हार्ड केडी और लेडी खली नाम से मशहूर हैं।

 
Dakota और  Kavita Devi के बिच पहले मैच का विडियो जो आजकल बहुत वायरल हो रहा है इस मैच में कविता ने बुरी तरह अपने प्रतिद्वंदी को धोया है  
 
 
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