दुनिया की सबसे प्रसिद्ध बंदूक AK-47 को एके-47 ही क्यों कहा जाता है, जानिए

Amit Kumar Sachin

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AK-47 से एक मिनट में बिना रूके 600 गोलियां दागी जा सकती है

 

परमाणु बम के बाद यदि कोई ज्यादा खतरनाक हथियार है तो वो है AK-47 l AK-47 के नाम सुनने से ही डर लगने लगता है। यह दुनिया के एकमात्र बंदूक जो सबसे ज्यादा बेची और नक़ल की गई है ।जितनी तरक्की और प्रसिद्धी AK-47 ने पाई है दुनिया में शायद ही कोई और बन्दुक भविष्य में इतनी प्रसिद्धी  पा सके  । आज हम   AK-47 से जुड़े हर महत्वपूर्ण तथ्य को हम आपके सामने रखेंगे और  बताएँगे की इसका नाम  AK-47 क्यों पड़ा

कैसे हुआ था इस बन्दुक का अविष्कार

AK–47 को  रूस के एक सैनिक मिखाइल कलाशनिकोव (Mikhail Kalashnikov )ने 1947 में बनाया था। जिस समय मिखाइल कलाशनिकोव ने AK–47 को बनाया था तब वह युद्ध में घायल होने की वजह से अस्पताल में भर्ती थे और उनकी आयु मात्र 21 साल थी।वह बताते  है-जब में अस्पताल में था तो मेरे बगल वाले बेड पर लेते जवान ने मुझसे प्रश्न किया की क्यों हमारे जवानों के पास केवल रायफल ही होते है  जबकि जर्मन के पास ऑटोमेटिक रायफल । इसलिए मैंने जवानों के लिए मशीन गन बनाने के बारे में सोचा  फिर 1942 से 1947 तक 5 साल की कड़ी मेहनत के बाद एक चीज़ बनाई जिसे आज हम AK–47 कहते है ।

कैसे पड़ा नाम AK–47

AK–47 का पूरा नाम है – Avtomat Kalashnikova (आटोमैटिक कलाशनिकोव )। इसमें ‘आटोमैटिक’ का अर्थ है – स्वैचालित, ‘कलाशनिकोव’ मिखाइल कलाशनिकोव के नाम पर है ।यानि मतलब AK का मतलब है – automatic weapon of Kalashnikov । इसका निर्माण 1947 में हुआ था इस तरह इसका नाम AK–47 पड़ा।

खेती के लिए उपकरण बनाना चाहते थे 

मिखाइल कलाशनिकोव जब छोटे थे तब वह ऐसे उपकरण बनाने के बारे में सोचा करते थे  जिन से खेती करने में आसानी हो, पर तकदीर ने उनके हाथ से  एक ऐसा हथियार बनवा दिया जिसके नाम संसार में सबसे ज्यादा हत्याएं करने का रिकार्ड दर्ज है। इस राइफल का सबसे ज्यादा गलत इस्तेमाल तालिबानी आतंकवादियों द्वारा अफ़गानिस्तान में हुआ था।

ठंढे मौसम को देख कर बनाया था

मिखाइल कैलाशनिकोव ने AK–47 का निर्माण उन रूसी सैनिकों के लिए बनाया था जिन्हें आर्कटिक (Arctic) के ठंडे मौसम में मोटे – मोटे दस्ताने पहन कर पुरानी किस्म की राइफल चलानी पड़ती थी। इस राइफल में सभी रायफलों का मिश्रण है यह  हर प्रकार के पर्यावरण में आसानी से चलाई जा सकती है और वहन की जा सकती है । AK–47 की खूबियों के कारण जल्द ही यह राइफल पूरी दूनिया में मशहूर हो गई और सभी देशों की सेनाएं इसका उपयोग करने लगी। AK–47 किसी भी मौसम में काम करने की क्षमता रखता है ।

क्यों करते है आतंकवादी AK–47 बंदूक का इस्तेमाल 

AK–47 को रिलोड होने में मात्र 2.5 सेकंड का समय लगता है. और बंदूक की नली से गोली छूटने की रफ्तार 710 मीटर प्रति सेकंड है. इसे चलाने के लिए किसी खास ट्रेनिंग की भी ज़रूरत नही है ।इस बंदूक का निशाना पानी के अंदर भी नहीं चूकता, इसकी गोली की रफ्तार इतनी तेज होती है कि पानी का घर्षण भी उसे रोक नहीं पाता और सीधा निशाने पर जाकर लगती है  इसकी साफ-सफाई और मेंटेनेंस करना भी बहुत आसान है. यही कुछ कारण है, जिनकी वजह से यह आतंकवादियों की पहली पसंद बनी हुई है.

AK-47 से जुडी कुछ  में कुछ रोचक जानकारी

1. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि वर्तमान में 106 देशों की सेना की ओर से AK-47 का  इस्तेमाल कीया  जाता  है।

2. AK-47 एकमात्र रायफल है  जो आज भी हाथों से बनाई जाती है जिसमें किसी भी प्रकार की मशीनें प्रयोग में नहीं लाई जाती।

3. AK-47 से हर साल ढ़ाई लाख लोगों की हत्याएं की जाती है। इनमें से 2 लाख हत्याएं इस्लामिक आतंकवादियों जैसे कि ISIS और अलकायदा द्वारा की जाती हैं।

4. AK-47 राइफल में आटोमैटिक और सैमीआटोमैटिक दोनो तरह के गुण होते है। आटोमैटिक का मतलब है एक बार ट्रिगर दबाकर रखने से गोलियां लगातार चलती रहती है और सैमी आटोमैटिक का मतलब है एक बार ट्रिगर दबाने से एक गोली ही चलती है।

5. AK-47 की लंबाई मात्र 3 फुट होती है और एक पूरी तरह से गोलियो से भरी हुई AK-47 का वज़न मात्र साढ़े 4 किलो होता है।

6. AK-47 से एक मिनट में बिना रूके 600 गोलियां दागी जा सकती है। मतलब कि एक सैकेंड में 10 गोलियां। इसका सेहरा AK-47 की शानदार गैस चेम्बर और स्प्रिंग को जाता है।

7. एक AK-47 की लाईफ 6000 से 15000 राउंड तक होती है. AK-47 की एक मैगज़ीन में 30 राउंड होते है.

8. AK-47 का AKM वर्जन, इस समय दुनिया का सबसे हल्का राइफल है. फुल लोड होने के बाद भी इस राइफल का वज़न केवल 3.1 किलो है. इससे एक मिनट में 640 राउंड किए जा सकते है.

9. AK-47 की रेंज 300 से 400 मीटर तक होती है . यदि शूटर जबरदस्त हुआ तो 800 मीटर पर भी लक्ष्य को मार सकता है.

10. मिखाइल कलाशनिकोव के अनुसार वह AK-47 से एक लाख से भी ज्यादा गोलियां दाग चुके हैं जिसके कारण वह बहरे हो गए हैं।

11. इस समय विश्व में लगभग 10 करोड़ AK-47 राइफलस हैं। यह संख्या बाकी किसी भी बड़े हथियार से कहीं ज्यादा है।

12. लगभग सभी देशों में किसी आम नागरिक का अपने पास AK-47 रखना गैरकानूनी है। भारत में यह कानून कितना सख्त है इस बात का अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते है कि संजय दत्त को भी AK-47 रखने की वजह से 5 साल की सज़ा भुगतनी पड़ी।

13. AK-47 दुनिया की इकलौती ऐसी राइफल है जिसे बच्चे भी आसानी से चला सकते है। यही कारण है कि आप AK-47 चलाते हुए कई बच्चों की तस्वीर देख सकते है।

14. AK-47 की भेदन शक्ति इतनी ज्यादा है कि यह कुछ दीवारो, यहाँ तक की कार के धातु के दरवाजें को भेद कर उसके पीछे बैठे इंसान को मार सकती है।

15. केवल रूस ही दुनिया को AK-47 सप्लाई नही करता, बल्कि 30 अन्य देशों को भी इसे बनाने का लाइसेंस प्राप्त है। जैसे:- भारत, चीन, इज़रायल, मिस्त्र, नाइजीरिया आदि। इनमें चीन सबसे ज्यादा AK-47 बनाता है।.

16. AK-47 दुनिया की अकेली ऐसी राइफल है, जो किसी भी वातावरण में काम कर सकती है. मतलब पानी, रेत या मिट्टी etc. कही भी.

17. AK-47 दुनिया की इकलौती ऐसी राइफल है जिसे बच्चे भी आसानी से चला सकते है. यही कारण है कि आप AK-47 चलाते हुए कई बच्चों की तस्वीर देख सकते है.

18. किसी अन्य बंदूक की बज़ाय दुनिया में सबसे ज्यादा AK-47 को काॅपी किया जाता है.यह दुनिया की सबसे ज्यादा ब्लैक (अवैध) रूप से बेची जाने वाली राइफल है. यह केवल 8 पुर्जों से मिलकर बनी होती है और इन्हें एक मिनट से भी कम समय में जोड़ा जा सकता है.

19. AK-47 एक गैस संचालित, सिलेक्टिव फायर राइफल है. सिलेक्टिव फायर मतलब, शूटर चाहे तो एक-एक करके फायरिंग कर सकता है या फिर एक ही बार में पूरी मैगज़ीन खाली कर सकता है.

20. आधुनिक एके-47 पर एक ग्रेनेड लांचर भी जोड़ा जा सकता है.

21. AK- 47, 300 मीटर की दूरी तक सटीक निशाना लगाती है. यदि शूटर जबरदस्त हुआ तो 800 मीटर पर भी लक्ष्य को मार सकता है.

22. सद्दाम हुसैन को एक सोने की एके-47 गिफ्ट में मिली थी. जो 2003 में इराक पर हुए आक्रमण के बाद अमेरिकी सैनिको द्वारा ज़ब्त कर ली गई.

23. ओसामा बिन लादेन अपने विडियो में एक AK- 47 पकड़े हुए दिखाई देता था. ऐसा माना जाता है, कि शायद अमेरिका ने ही लादेन की पहली एके-47 दी हो. अफगानिस्तान में सेवियत संघ से लड़ने के लिए.

24. किसी भी देश का आम नागरिक अपने पास एके-47 नही रख सकता. भारत में यह कानून और भी सख़्त है. एके-47 रखने के जुर्म में संजय दत्त को भी जेल हो गयी थी.

25. Mikhail Kalashnikov ने अपने सबसे बड़े अविष्कार AK- 47 की बिक्री से कभी पैसा नही कमाया. 2013 में 94 साल की उम्र में इनकी मौत हो गई.

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